प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब किसानों को समय पर मिलेगा क्लेम
अब समय पर निपटाया जा सकेगा दावा
ऐसे तमाम कारणों के चलते अधिकांश लंबित दावों का निपटारा समय पर नहीं हो पा रहा था। केंद्र ने इसका संज्ञान लिया और अपना प्रीमियम राज्यों से अलग कर लिया, ताकि बौमा राशि समय पर जारी किया जा सके। साथ ही बीमा कंपनियों पर भी नकेल कसी गई। राज्य सरकारों की ओर से फसल नुकसान का अंतिम ब्यौरा प्राप्त होने की तारीख से तीस दिनों के भीतर क्षतिपूर्ति का भुगतान करना अनिवार्य कर दिया गया। तय अवधि में आगे बढ़ने पर कंपनियों को प्रतिवर्ष 12 प्रतिशत ब्याज की दर से राशि का भुगतान करना होगा।
किसान का प्रीमियम हिस्सा खरीफ फसलों के लिए दो प्रतिशत, रखी के लिए 1.5 प्रतिशत, वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए पांच प्रतिशत तक सीमित है। केंद्र सरकार ने खरीफ 2023 में शुरू की गई डिजीक्लेम प्लेटफार्म पर राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल के माध्यम से किसानों को सीधे भुगतान हस्तांतरित करके दावों में पारदर्शिता लाने का भी प्रबंध किया है।
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