
जयपुर, 20 दिसंबर 2024:
राजस्थान में कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण के लिए 2022 में तैयार किया गया राजस्थान कोचिंग सेंटर (रेगुलेशन एंड सुपरविजन) बिल अब तक सदन में पेश नहीं हो सका है। दो साल बीत जाने के बावजूद यह केवल एक गाइडलाइन के रूप में सीमित रह गया है।
कोचिंग पर नियंत्रण की आवश्यकता
यह बिल कोचिंग संस्थानों में छात्रों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से बनाया गया था। इसमें 16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों को प्रवेश नहीं देने जैसे महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल थे।
गाइडलाइन बनी, लेकिन अमल नहीं हुआ
2022 में बिल तैयार होने के बाद, इसे केवल गाइडलाइन के रूप में जारी किया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि बिना कानूनी अमल के, गाइडलाइन का पालन कोचिंग संस्थान नहीं कर रहे हैं।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
अधिकारियों ने बताया कि सदन में इसे पेश करने में देरी क्यों हो रही है। उनका कहना है कि संबंधित मंत्रालयों में इसे प्राथमिकता नहीं मिल रही है।
छात्र और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
छात्रों और अभिभावकों का कहना है कि कोचिंग संस्थानों में पारदर्शिता और नियमों का पालन सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है।
“हम अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए कोचिंग भेजते हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य की जिम्मेदारी भी होनी चाहिए,” एक अभिभावक ने कहा।
भविष्य की संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि इस बिल के लागू होने से कोचिंग प्रणाली में सुधार आएगा। यह न केवल छात्रों की सुरक्षा करेगा, बल्कि कोचिंग में एकसमानता भी लाएगा।
निष्कर्ष:
कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण के लिए बनाया गया यह बिल राजस्थान की शिक्षा प्रणाली के लिए एक बड़ा कदम हो सकता है। लेकिन इसके लिए इसे सदन में पेश कर, कानून के रूप में लागू करना जरूरी है।