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डाकू का सिर पाकिस्तान में, धड़ राजस्थान में: 36 साल बाद भी अंतिम संस्कार नहीं, बेटे ने बदला लेने के लिए किया मर्डर, पार्ट-2..!!

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जयपुर | राजस्थान क्राइम फाइल के पार्ट-1 में आपने पढ़ा कि कैसे एक डाकू करणा भील नड़ वादक (बांसुरी जैसा म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट) बन गया। 50-60 के दशक में लोग करणा के नाम से कांपते थे।करणा हाथ में कुल्हाड़ी लेकर भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के रेगिस्तान में ऊंटगाड़ी पर घूमता था। हत्या सहित 100 से ज्यादा केस थे उसके खिलाफ। इस डाकू को एक अफगानी लड़की लाली के प्यार ने बदल दिया। जिन हाथों में हथियार थे, उनमें नड़ आ गया। उसकी कला को देख राष्ट्रपति ने भी उसकी उम्रकैद की सजा माफ कर दी। अपराध की दुनिया छोड़कर करणा भील सामान्य जिंदगी जी रहा था। फिर 2 अक्टूबर 1988 की शाम को एक ऊंटगाडी उसके घर के बाहर आकर रुकी। ऊंटगाड़ी में सिर कटी लाश थी। ये लाश करणा भील की थी।

अब पढ़िए आगे की कहानी…✍️ 8 फीट लंबी मूंछ के लिए करणा भील का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज था। 23 साल पहले हत्या की प्लानिंग हो गई थी शुरू …. करणा का बिना धड़ वाला शव पुलिस के लिए चुनौती बन गया था। पुलिस के सामने कई सवाल थे.. करणा का मर्डर किसने किया…बिना किसी आदमी के ऊंटगाड़ी उसके घर कैसे पहुंच गई…करणा का कटा हुआ सिर कहां था? केस सॉल्व करने के लिए इन सवालों के जवाब जानना जरूरी थी। इसी बीच पुलिस को करणा की हत्या का पहला सुराग मिला। पुलिस ने जैसलमेर निवासी हुसैन व रेदमाल को गिरफ्तार किया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद करणा की हत्या का पूरा राज सामने आया गया। करणा भील की हत्या की प्लानिंग 1965 में ही शुरू हो गई थी। 1965 में करणा भील ने डकैती छोड़ दी थी। उसने जैसलमेर में एक जमीन खरीदी थी। उसकी जमीन पर इलियास नाम के एक युवक ने भी अपना हक जताया। जिसके दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। विवाद इतना बढ़ा कि करणा ने इलियास को गोली मारकर हत्या कर दी। जिस समय करणा भील ने इलियास को गोली मारी, इलियास का बेटा कायम वहीं मौजूद था। उसने अपने पिता के खूनी को देख लिया था। कायम ने तभी तय कर लिया था कि वह करणा को मारकर पिता की हत्या का बदला लेगा।

कहता था- किसी ने पीछे से हमला किया तो मौत पक्की है इलियास की हत्या को 23 साल हो चुके थे। इस लम्बे समय में नड़ वादक के रूप में करणा भील का नाम पूरे भारत में फेमस हो चुका था। रेगिस्तान में आने वाले पर्यटक धोरों में बैठकर करणा भील के नड़ की आवाज को सुने बिना नहीं जाते थे। हर कोई उसकी धुन और मूंछ का दीवाना हो चुका था। कई बॉलीवुड के कलाकार भी उससे मिलने के लिए आने लगे थे। करणा की उम्र 65 के करीब पहुंच चुकी थी। उसने भले अपराध की दुनिया छोड़ दी थी, लेकिन फिर भी मन में कहीं न कहीं ये डर हमेशा था कि उसका कोई न कोई पुराना दुश्मन उससे बदला लेने के लिए उसपर हमला कर सकता है। वह अक्सर अपने दोस्तों से कहता भी था- अगर कोई सामने से हमला करेगा तो इस उम्र में भी एक दो को मारकर ही मरुंगा, लेकिन किसी ने धोखे में पीछे से हमला किया तो मेरी मौत पक्की है। जमीन विवाद में करणा भील ने जिस इलियास की हत्या की। उसी के बेटे ने करणा की हत्या की साजिश रची। हर रोज शाम को पशुओं को चराने जाता था।

करणा दिनभर जैसलमेर के सोनार किले और धोरों पर नड़ बजाता था। शाम को अपने घर के काम करता था। वह हमेशा ऊंट गाड़ी लेकर जैसलमेर से बाहर अपने खेत पर पशुओं के लिए चारा लेकर जाता था। उसका यह समय सभी को पता था। 2 अक्टूबर 1988 को भी करणा हमेशा की तरह शाम को करीब 4 बजे अपनी ऊंट गाड़ी लेकर घर से पशुओं के लिए चारा लेने के लिए निकला था। वह अकेला ही था। रास्ते में शहर के बाहर एक पेट्रोल पंप था। पूरा रास्ता सूना था। इसी का फायदा उठाकर चार लोगों ने पीछे से उस पर हथियारों से हमला किया।हमलावरों ने हथियार से उसका सिर काटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद सिर अपने साथ ले गए और धड़ को ऊंट गाड़ी में रखकर करणा भील के घर की तरफ रवाना कर दिया।

आज तक नहीं हुआ करणा का अंतिम संस्कार करणा की हत्या के बाद पुलिस के सामने सबसे बड़ी चनौती उसका सिर था। दूर.दूर तक फैले रेगिस्तान में करणा का सिर ढूंढने के लिए पुलिस ने काफी कोशिश की। काफी दिनों तक जैसलमेर और आस.पास के कई किलोमीटर तक करणा का सिर ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।

पुलिस इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि करणाभील की हत्या कायम नाम के युवक और उसके तीन रिश्तेदारों मेहराब खां, हुसैन व रेदमाल ने मिलकर की थी। कायम उसी इलियास का बेटा था, जिसकी 1965 में करणा भील ने जमीन विवाद में गोली मारकर हत्या कर दी थी। आज तक करणा का अंतिम संस्कार नहीं हुआ है। आज भी सोनार किले से बाहर एक बंजर जमीन पर करणा भील की कच्ची कब्र मौजूद है। हिंदू रीति रिवाज से करणाभील का अंतिम संस्कार होना था। परिवार को अधूरे शव का अंतिम संस्कार मंजूर नहीं था। परिवार ने करणा के धड़ को जमीन में गाड़ दिया। प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक उसका सिर नहीं मिल जाएगा, वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। आज भी उसका शव कच्ची कब्र में दफन है। करणा भील का धड़ तो मिल गया था, लेकिन सिर 36 साल बाद भी नहीं मिल पाया।

कायम सिर को ले गया पाकिस्तान करणा के शव का अंतिम संस्कार नहीं हुआ था। इधर, एक बड़े कलाकार के रूप में भी करणा की पहचान थी। ऐसे में करणा की हत्या के बाद पुलिस ही नहीं बॉर्डर पर इंटेलिजेंस भी सक्रिय हो गई थी। जांच में सामने आया कि कायम हत्याकांड के बाद पाकिस्तान के सत्तू गांव भाग गया। कायम अपने साथ करणा का सिर भी ले गया था। करणा भील की हत्या के मामले में पुलिस ने कायम के दो रिश्तेदारों हुसैन व रेदमाल को गिरफ्तार कर लिया था।

दोनों रिश्तेदारों को करणा के सिर के बारे में कुछ पता नहीं था। दोनों ने यही बताया कि करणा का सिर कायम अपने साथ ले गया था। पुलिस की पूछताछ में हुसैन व रेदमाल ने बताया कि करणा ने कायम के पिता इलियास की हत्या की थी। उसके बाद कायम ने एक मजार पर अपने पिता के हत्यारे का सिर काटकर लाने की मन्नत मांगी थी।

2017 में पुलिस ने मामले में लगा दी एफआर इस हत्याकांड के 29 साल तक जैसलमेर कोतवाली पुलिस करणा भील के सिर की तलाश कर रही थी। इंटेलिजेंस की सूचना के आधार पर करणा भील के सिर काे कायम पाकिस्तान ले गया था। वहां से उसके सिर को लाना पुलिस के लिए असंभव था। ऐसे में 7 साल पहले ही 2017 को पुलिस ने इस मामले में एफआर लगा दी। पुलिस अधिकारियों की माने तो करणा भील हत्याकांड मामले का मुख्य आरोपी और उसका एक साथी पाकिस्तान में रहता है। मुख्य आरोपी कायम करणा के सिर को अपने साथ ही ले गया था। पाकिस्तान से प्रत्यर्पण संधि नहीं है। ऐसे में पुलिस कायम को भारत नहीं ला सकती।

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