मुश्किलें थीं पर नहीं मानी हार, UPSC में AIR-89 लाकर ऊंची उड़ान, कौन हैं Self Study Queen?

Success Story: रिया कौर सेठी ने Self Study को अपना हथियार बनाकर UPSC 2024 में AIR-89 हासिल की. कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी. उनके संघर्ष, स्पष्ट रणनीति और आत्मविश्वास ने उन्हें यह मुकाम दिलाया. जानिए कैसे एक साधारण लड़की ने असाधारण सफलता की कहानी लिखी.

मुश्किलें थीं पर नहीं मानी हार, UPSC में AIR-89 लाकर ऊंची उड़ान, कौन हैं Self Study Queen?

UPSC Success Story in Hindi: जब सपना ऊंची उड़ान का है तो फिर बाधाएं आपका कुछ नहीं कर सकती हैं. सफलता का आधार सही दिशा में प्रयास और मेहनत से तय होता है. देश के सबसे कठिन परीक्षाओं में शामिल यूपीएससी पास तो कई करते हैं पर कुछ अपनी अपनी अलग छाप छोड़ते हैं. ऐसा ही कुछ किया है रिया कौर सेठी ने. रिया ने यूपीएससी में टाॅप किया और ऑल इंडिया रैंक 89 हासिल की. उनकी रणनीति और सफलता के लिए सही दिशा यह कहानी बताती है जो आपको जरूर पढ़नी चाहिए. आइए जानें रिया की सफलता (UPSC Success Story of Ria Kaur Sethi in Hindi) की कहानी.

यहां से हुई शुरुआत (UPSC Success Story)

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोहाली के सेक्टर 72 की रहने वाली रिया कौर सेठी ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 में शानदार प्रदर्शन करते हुए ऑल इंडिया रैंक 89 हासिल की है. उनके लिए यह परीक्षा सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं थी बल्कि अपने दिवंगत पिता और देश के लिए कुछ कर दिखाने का संकल्प था.

पिता की याद बनी सबसे बड़ी प्रेरणा

रिया ने बताया कि उनकी Success Story के पीछे पिता एस जगजीव सिंह सेठी की प्रेरणा है क्योंकि उनका 2017 में निधन हो गया था. वह बिजनेस करते थे लेकिन उनका असली योगदान था लोगों की जिंदगी को छू जाना. अब मैं सार्वजनिक सेवा के जरिए उनकी विरासत को आगे बढ़ाना चाहती हूं.https://d-10828975364257302772.ampproject.net/2505300108000/frame.html

परिवार ने हर मुश्किल में दिया साथ (UPSC Topper Success Story)

रिया ने अपनी सफलता का श्रेय मां और बड़े भाई को दिया. हर असफलता, हर निराशा के समय मेरे परिवार ने मुझे सहारा दिया. मैं आज जो कुछ भी हूं, उसमें उनका सबसे बड़ा योगदान है.

रिया की पढ़ाई और रणनीति

रिया ने कहा कि उन्होंने तैयारी के दौरान सिर्फ बेसिक्स पर ध्यान दिया. UPSC सिलेबस और पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्र ही उनकी तैयारी की रीढ़ थे. AI और इंटरनेट पर बहुत जानकारी है, लेकिन वही सबसे बड़ा भटकाव बन सकती है.स्नातक: इकॉनॉमिक्स (ऑनर्स), खालसा कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटीपरास्नातक: डेवलपमेंट स्टडीज़, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU)ऑप्शनल सब्जेक्ट: समाजशास्त्र (Sociology).

सेल्फ स्टडी बनी सफलता की नींव

रिया ने बताया कि पढ़ाई के लिए मैंने कम सोर्स चुने लेकिन उन्हें बार-बार पढ़ा. मेरे लिए क्वालिटी ज्यादा मायने रखती थी न कि क्वांटिटी. पूरी तैयारी आत्मनिर्भर रही और खुद पर भरोसा सबसे बड़ा हथियार था. रिया ने चौथा प्रयास में सफलता पाई. पहले दो प्रयासों में वह प्रीलिम्स में ही अटक गई थीं, और तीसरे में इंटरव्यू तक पहुंचने के बावजूद अंतिम सूची में जगह नहीं बना पाईं.

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