Vasco Da Gama: पुर्तगाली खोजकर्ता वास्को डी गामा का नाम तो हमने इतिहास की किताबों में पढ़ा है लेकिन क्या आप जानते हैं कि उसे ‘विलेन’ के तौर पर भी देखा जाता है? चलिए जानते हैं.
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Vasco Da Gama India Visit: वास्को डी गामा, यह तो सभी जानते हैं को यह पुर्तगाली खोजकर्ता का नाम है और इसी ने 1498 में यूरोप से भारत के रास्ते की खोज की थी. व्यापार के मकसद से भारत की खोज करने वाले वास्को डी गामा की पहली यात्रा कुछ उसकी उम्मीदों के मुताबिक सफल नहीं रही थी. यही कारण है कि महज 4 साल के भीतर उसने भारत का दूसरा दौरा किया. वास्को डी गामा को खोजकर्ता के साथ-साथ एक भारत में पहले यूरोपी मुजरिम के तौर पर भी देखा जाता है. ऐसी कई घटनाएं हैं जो उसको विलेन साबित करती हैं. आज हम आपको इसी तरह के एक घटना के बारे में बताने जा रहे हैं.
जहाजों से लूटा कीमती सामान
बीबीसी उर्दू ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा कि इस सफर में वास्को के एक साथी ने अपनी किताब ‘द जर्नल ऑफ द फर्स्ट वॉयज ऑफ वास्को-दा-गामा टू इंडिया’में इस घटना का जिक्र किया है. वास्को डी गामा के साथी ने लिखा,’वहां पर हमने मक्का से आए हुए जहाज देखे, ये जहाज भारत से मसाले लेकर हमारे देश पुर्तगाल जाया करते थे. ऐसे में हमने उन जहाजों को लूट लिया, लूटने का मकसद था कि सिर्फ पुर्तगाल का राजा ही भारत से मसालों का कारोबार कर सके.’

380 लोगों से भरे जहाज में लगाई आग
वास्को डी गामा के साथी ने अपनी किताब में आगे लिखा,’हमने मक्का जा रहे एक बड़े जहाज पर कब्जा कर लिया. इस जहाज में 380 लोग सवार थे. जिनमें औरतें और बच्चे भी शामिल थे. इस जहाज से भी हमने लगभग 12 हजार सोने के सिक्कों के अलावा काफी सारा कीमती सामान लूटा. आखिर में उस जहाज और उसमें सवार सभी लोगों को जला दिया.
जिंदा जलाए औरतें और बच्चे
बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि वास्को डी गामा की फौज ने जिस जहाज को कब्ज़े में लिया, उसमें अधिकतर महिलाएं, बच्चे और बूढ़े लोग थे जो हज करने जा रहे थे. साथ ही जहाज में बहुत कीमती व्यापारिक सामान भी था. उसने बताया कि वास्को डी गामा ने खुद जहाज को जलाने के हुक्म दिया था. जहाज में सवार महिलाएं और बच्चे रहम की भीख मांग रहे थे लेकिन वास्को पर इनका कोई असर नहीं हो रहा था.
कोई भी जिंदा नहीं बचा था
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक कैस्पर कोहाया अपनी किताब ‘लैंड्स ऑफ इंडिया’ में लिखते हैं कि ‘इस जहाज पर कोई भी जिंदा नहीं बचा था. वास्को के हुक्म पर हुई इस घटना के बाद खुद उसके पुर्तगाली साथी भी हैरान थे. यही कारण है कि केरल के इतिहास में वास्को डी गामा को एक ‘विलेन’ के तौर पर देखा जाता है.