महाकुंभ मेला आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। इसकी शुरुआत पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर होती है, जो इस बार 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की उपस्थिति के साथ आरंभ हुआ। इस दिन श्रद्धालु पवित्र गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान करके अपने पापों से मुक्ति और मोक्ष की कामना करते हैं।पौष पूर्णिमा से ही कल्पवास की परंपरा शुरू होती है, जिसमें श्रद्धालु एक माह तक संगम के तट पर रहकर साधना, भजन-कीर्तन और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। यह आयोजन भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और सनातन धर्म की समृद्ध परंपरा का प्रतीक है।क्या आप महाकुंभ या इससे संबंधित किसी विशेष जानकारी के बारे में जानना चाहेंगे?
महाकुंभ का आगाज, पौष पूर्णिमा स्नान से शुरू हुआ कल्पवास, 1 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे
