आज हम आपको जिस शख्स से मिलवाने जा रहे हैं उन्होंने अपने हौसलों के दम पर जीवन में खास मुकाम हासिल किया है. बचपन से ही पढ़ाई में पीछे रहने वाले राहुल सिन्हा ने 12 साल के संघर्ष के बाद एसडीएम का पद हासिल किया. जानें उनकी कहानी उन्हीं की जुबानी
1.बिहार में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं राहुल सिन्हा
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वो कहते हैं न मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है. आज हम आपको जिस शख्स से मिलवाने जा रहे हैं उन्होंने भी अपने हौसलों के दम पर जीवन में खास मुकाम हासिल किया है. वर्तमान में बिहार प्रशासनिक सेवा में जिला उप मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के रूप में कार्यरत राहुल सिन्हा ने खुद एक वीडियो में अपनी प्रेरणादायक कहानी शेयर की है.
2.IIT की परीक्षा में 3 बार हुए फेल
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अपने वीडियो क्लिप में एसडीएम राहुल सिन्हा ने अपने सफर के बारे में खुलकर बात की और याद किया कि कैसे उन्होंने कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में केवल 52 प्रतिशत अंक हासिल किए और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में सीट हासिल करने में तीन बार असफल रहे. फिर भी हार मानने के बजाय उन्होंने प्रयास जारी रखा.
3.12 साल की कड़ी मेहनत के बाद क्रैक की BPSC
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इतना ही नहीं बीपीएससी परीक्षा पास करने से पहले उन्होंने 12 साल से अधिक समय तक कड़ी मेहनत की. राहुल सिन्हा के इस क्लिप को अब तक 14 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है. इस वीडियो की शुरुआत में राहुल सिन्हा कहते हैं, ‘ऐसा कहते हैं न कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं , लेकिन यह हमेशा सच नहीं होता.
4.10वीं की बोर्ड परीक्षा में मिले 52% मार्क्स
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सिन्हा ने आगे कहा, ‘मैंने 10वीं की बोर्ड परीक्षा में केवल 52% अंक हासिल किए थे. मैं आईआईटी में एडमिशन नहीं पा सका और तीनों प्रयासों में असफल रहा. 12 साल से अधिक समय तक मैं केवल संघर्ष करता रहा. लेकिन आखिरकार मैंने बीपीएससी पास कर लिया. जब जागो तभी सवेरा. आपकी पृष्ठभूमि क्या है, यह वास्तव में मायने नहीं रखता. यह आप पर निर्भर करता है कि आप कब शुरुआत करने का फैसला लेते हैं और जब आप आगे बढ़ने और तैयारी करने का फैसला लेते हैं तो आप सफल होते हैं.
5.लोगों ने शेयर की अपनी सफलता की कहानी
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एसडीएम राहुल सिन्हा के वीडियो पर सोशल मीडिया यूजर्स ने उनकी ईमानदारी और लगन की तारीफ की. एक यूजर ने कहा, ‘सर, मैट्रिक में आपके 52% नंबर आए. मैं दो बार मैट्रिक में फेल हुआ, लेकिन कड़ी मेहनत की और आज मैं भारतीय रेलवे में स्टेशन मास्टर हूं.’ जबकि एक दूसरे शख्स ने कहा, ‘हर छात्र के लिए सबसे अच्छी प्रेरणा.’
6.BPSC में राहुल सिन्हा को मिले थे कितने मार्क्स?
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