शीतकालीन अवकाश के दौरान स्कूल खोलने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए शिक्षा निदेशालय ने इस बार सख्त रुख अपनाया है। शुक्रवार को कार्यवाहक माध्यमिक शिक्षा निदेशक एवं प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए आदेश जारी किए कि अगर किसी भी क्षेत्र में अवकाश के दौरान निजी स्कूल खुला पाया गया, तो संबंधित स्कूल संचालक के साथ ही उस क्षेत्र के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) पर भी कार्रवाई होगी।
कड़ी निगरानी के निर्देश
निदेशक ने मुख्य जिला शिक्षा अधिकारियों, माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों, और ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में निजी स्कूलों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी अधिकारी के क्षेत्र से ऐसी शिकायत आती है और जांच में सही पाई जाती है, तो उस अधिकारी को भी जिम्मेदार माना जाएगा।
सरकार की मंशा और आदेश
शिक्षा निदेशालय ने इस बार शीतकालीन अवकाश 5 जनवरी तक घोषित किया है। सरकार का कहना है कि इस दौरान सर्दी के कारण बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इसके बावजूद, कुछ निजी स्कूल पहले भी इस तरह के आदेशों की अनदेखी करते आए हैं। इस बार सरकार ने सख्त कदम उठाने की मंशा जाहिर की है।
क्या होगा उल्लंघन पर?
आदेश के अनुसार, अवकाश के दौरान स्कूल खुले पाए जाने पर संबंधित स्कूल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई होगी। साथ ही, यह भी तय किया गया है कि जिस क्षेत्र में स्कूल खुलेगा, वहां के जिला शिक्षा अधिकारी पर भी कार्रवाई की जाएगी। इसमें नौकरी से निलंबन और वेतन रोकने जैसे सख्त कदम शामिल हो सकते हैं।
सर्दी बढ़ने से बढ़ी चिंता
शीतकालीन अवकाश के दौरान अधिक ठंड पड़ने की संभावना है। निदेशालय ने स्पष्ट किया कि अवकाश के आदेश बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर जारी किए गए हैं। इसलिए किसी भी परिस्थिति में इन आदेशों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मामले पर नजर
शिक्षा निदेशालय ने इस बार अपनी टीम को विशेष रूप से सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अवकाश का पालन सभी निजी स्कूलों में हो। इसके साथ ही क्षेत्रीय अधिकारियों को इस मामले में सतर्कता बरतने और किसी भी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करने को कहा गया है।
संदेश स्पष्ट: आदेशों का पालन करें
निदेशक जाट ने अंत में कहा कि सभी अधिकारी और स्कूल प्रबंधन यह सुनिश्चित करें कि सरकार और निदेशालय के आदेशों का कड़ाई से पालन हो। अवकाश के दौरान बच्चों को घर पर सुरक्षित रहने दें और निर्देशों का उल्लंघन करने से बचें।