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राजस्थान शिक्षक भर्ती में 95% पद खाली, महज 5% की भर्ती का ऐलान

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राजस्थान में वरिष्ठ अध्यापकों और व्याख्याताओं के 52,000 से अधिक पद खाली पड़े हैं। सरकार ने इन रिक्तियों को भरने के लिए केवल 4,331 पदों पर भर्ती का ऐलान किया है। यह पिछले 12 सालों में सबसे छोटी भर्ती मानी जा रही है, जिससे युवाओं में गहरी नाराजगी है।

रिक्त पदों की स्थिति

राज्य में सरकारी स्कूलों में डीपीसी और कमनश्नट स्कूलों के रिक्त पदों की भरपाई नहीं की जा रही।

अधिकांश स्कूलों में अध्यापकों की भारी कमी से शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है।

भर्ती का गणित

2013 से लेकर 2022 तक लगातार भर्ती में कमी देखी गई है।

2013 में 40,010 पद, 2015 में 13,098 पद और 2018 में महज 9,000 पदों पर भर्ती हुई थी।

इस बार केवल 4,331 पदों पर भर्ती होगी, जो सिर्फ खानापूर्ति लगती है।

युवाओं में आक्रोश

युवाओं का कहना है कि सरकार ने वादों के बावजूद शिक्षकों की रिक्तियों को नहीं भरा।

समस्याएं:

सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल रही।

शिक्षकों की कमी से छात्रों का भविष्य अधर में।

विशेषज्ञों की राय

शिक्षक संगठनों ने इस स्थिति को गंभीर बताते हुए सरकार से तुरंत बड़े पैमाने पर भर्ती करने की मांग की है। उनका कहना है कि शिक्षा व्यवस्था को बचाने के लिए यह आवश्यक है।

निष्कर्ष

राज्य में शिक्षा क्षेत्र की दुर्दशा और सरकार की धीमी भर्ती प्रक्रिया ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया, तो इसका असर बच्चों की शिक्षा और युवाओं के रोजगार पर पड़ेगा

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