चोहटन क्षेत्र मते का तला :
समाज में बदलाव की शुरुआत जब कोई व्यक्ति खुद पहल करता है, तो वह प्रेरणा बन जाता है। ऐसा ही एक उदाहरण प्रस्तुत किया है चौहटन कस्बे के मते का तल्ला निवासी अध्यापक इब्राहिम खान ने, जो मृत्यु भोज जैसी कुप्रथा को समाप्त करने के लिए वर्षों से अभियान चला रहे हैं। इब्राहिम खान ने न केवल स्वयं मृत्यु भोज से दूरी बनाई, बल्कि समाज के लोगों को भी जागरूक करने का निरंतर प्रयास किया। उनकी इस पहल को अब धार्मिक और सामाजिक संगठनों का भी समर्थन मिलने लगा है।
इसी क्रम में पनान्नियों का तल्ला स्थित धर्मधुन्ना के महंत जगराम पुरी जी महाराज और उनकी पूरी कमेटी ने इब्राहिम खान की इस सामाजिक मुहिम को सराहा। मंदिर में आयोजित एक विशेष समारोह में महंत जी ने इब्राहिम खान को आमंत्रित कर सम्मानित किया और उनकी इस नेक पहल की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
महंत जी ने कहा कि मृत्यु भोज जैसी प्रथाएं समाज के आर्थिक व मानसिक शोषण का कारण बनती हैं और इसे समाप्त करने के लिए हर व्यक्ति को आगे आना चाहिए।यह सम्मान केवल इब्राहिम खान के लिए नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में उठाए गए हर कदम के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। धार्मिक और सामाजिक संतों का समर्थन दर्शाता है कि समाज अब बदलाव के लिए तैयार है। मृत्यु भोज जैसी प्रथाओं को समाप्त करने की जरूरत है ताकि परिवार पर अनावश्यक आर्थिक बोझ न पड़े और सामाजिक समरसता बनी रहे।
इब्राहिम खान का यह प्रयास साबित करता है कि यदि एक व्यक्ति ठान ले तो वह पूरे समाज की सोच को बदल सकता है। इस पहल को और अधिक लोगों तक पहुँचाना आवश्यक है, ताकि समाज कुरीतियों से मुक्त होकर एक नई दिशा में आगे बढ़ सके।