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समाज सुधार की अनूठी पहल: मृत्युभोज में अमल-डोडा मनुहार पर लगा पूर्ण प्रतिबंध

बाड़मेर। समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, विशाला के विश्वकर्मा मंदिर में सुधरा समाज के विभिन्न गांवों के गणमान्य व्यक्तियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।

इस बैठक में समाज सुधार को लेकर कई बड़े निर्णय लिए गए, जिनमें मृत्युभोज में अमल-डोडा और अन्य नशीले पदार्थों की मनुहार पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना प्रमुख रहा।

बैठक में उपस्थित समाज के बुजुर्गों और प्रबुद्धजनों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि अब मृत्युभोज में फिजूलखर्ची पर रोक लगाई जाएगी। परंपरागत रूप से बनाए जाने वाले पाँच विशेष पकवानों की व्यवस्था समाप्त कर, अब सादा भोजन परोसा जाएगा। साथ ही, किसी भी आकस्मिक निधन पर भाई-बंधु, बेटा-बेटी के लिए विशेष भोज या महंगे धार्मिक अनुष्ठान आयोजित करने पर भी रोक लगा दी गई है।

इस बैठक की अध्यक्षता समाज के वरिष्ठजनों—रिखवाराम, चेतनराम, इंद्रोजी, अमराराम आदि ने की। टीकमाराम, ताराचंद और सीग्याणा गांव के अन्य प्रतिनिधियों ने इस पहल का स्वागत करते हुए इसे समाज सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।

यह निर्णय समाज में एक नई चेतना का संचार करेगा और भविष्य में अन्य कुरीतियों को समाप्त करने की प्रेरणा देगा। यह पहल न केवल आर्थिक बोझ कम करेगी, बल्कि समाज में एक स्वस्थ और सकारात्मक बदलाव का मार्ग भी प्रशस्त करेगी।

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