
“भारत की बेटी सुनीता विलियम्स की नौ महीने बाद अंतरिक्ष से ऐतिहासिक वापसी: स्पेसएक्स क्रू-10 मिशन ने खोला घर लौटने का मार्ग”
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स नौ महीने के लंबे अंतरिक्ष प्रवास के बाद 19 मार्च को पृथ्वी पर लौटने वाली हैं। नासा और स्पेसएक्स के संयुक्त क्रू-10 मिशन ने उनकी वापसी का मार्ग प्रशस्त किया है। पिछले वर्ष जून में, सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर को बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के माध्यम से आठ दिवसीय मिशन पर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) भेजा गया था।
हालांकि, तकनीकी खामियों के कारण यह मिशन नौ महीने तक बढ़ गया। स्टारलाइनर के रिएक्शन कंट्रोल थ्रस्टरों में आई समस्याओं और हीलियम लीक के चलते उनकी सुरक्षित वापसी संभव नहीं हो सकी। इस चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में, नासा और स्पेसएक्स ने मिलकर क्रू-10 मिशन लॉन्च किया।
15 मार्च को स्पेसएक्स का फाल्कन 9 रॉकेट चार अंतरिक्ष यात्रियों के साथ केनेडी स्पेस सेंटर से रवाना हुआ। इस मिशन का उद्देश्य ISS पर नए क्रू को पहुंचाना और सुनीता विलियम्स व उनके साथी की वापसी सुनिश्चित करना था। क्रू-10 के सफल आगमन के बाद, सुनीता विलियम्स और उनकी टीम ने ISS पर अपने कार्यों का हस्तांतरण किया। अब, उनकी वापसी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नासा के अनुसार, 19 मार्च को भारतीय समयानुसार सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर उनका स्पेसक्राफ्ट लैंड करेगा।
सुनीता विलियम्स की इस वापसी का भारत में विशेष महत्व है। उनकी उपलब्धियों ने भारतीय समुदाय को गर्वित किया है, और उनकी सुरक्षित वापसी की प्रार्थना पूरे देश में की जा रही है। उनकी यह यात्रा न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह साहस और धैर्य का प्रतीक भी है।इस ऐतिहासिक वापसी के साथ, सुनीता विलियम्स ने एक बार फिर साबित किया है कि चुनौतियों के बावजूद, मानव आत्मा की दृढ़ता और विज्ञान की प्रगति हमें नए आयामों तक पहुंचा सकती है।