Site icon News Indiaa

नई शिक्षा नीति को कैबिनेट की मंजूरी।

WhatsApp Image 2024-12-07 at 8.23.39 PM

भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित केन्द्रीय सरकार की कैबिनेट की स्वीकृति के बाद 36 साल बाद देश में नई शिक्षा नीति लागू हो गई । कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति (New Education Policy 2023) को हरी झंडी दे दी है। 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है। नई शिक्षा नीति की उल्लेखनीय बातें सरल तरीके की इस प्रकार हैं:

पांच वर्ष आधारभूत शिक्षा कार्यक्रम

कक्षा व कार्यक्रम उम्र व समय सीमा
Nursery4 साल
Junior KG5 साल
Senior KG6 साल
प्रथम 7 साल
द्वितीय 8 साल

तीन वर्ष प्रारम्भिक शिक्षा

कक्षा व कार्यक्रमउम्र व समय सीमा
तृतीय 9 साल
चतुर्थ 10 साल
पंचम11 साल

तीन वर्ष उच्च प्राथमिक शिक्षा

कक्षा व कार्यक्रमउम्र व समय सीमा
षष्ठी12 साल
सप्तमी13 साल
अष्टमी14 साल

  चार साल तक माध्यमिक शिक्षा

कक्षा व कार्यक्रमउम्र व समय सीमा
नवमी15 साल
दशवीं16 साल
ग्यारहवीं 17 साल
बारहवीं18 साल

खास बातें :

★ केवल 12वीं क्‍लास में ही होगा बोर्ड।

★ MPhil होगा बंद।

★ कॉलेज की डिग्री 4 साल की।

★ 10वीं बोर्ड खत्‍म।

★ अब 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा, बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों न हो, एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा।

★ पहले 10वी बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होता था, जो अब नहीं होगा।

★ 9वींं से 12वींं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी. स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाया जाएगा।

★ वहीं कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी. यानि कि ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्‍लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी.।

★ 3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है. वहीं हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी. 4 साल की डिग्री करने वाले स्‍टूडेंट्स एक साल में  MA कर सकेंगे।

★ MA के छात्र अब सीधे PHD कर सकेंगे।

★ स्‍टूडेंट्स बीच में कर सकेंगे दूसरे कोर्स. हायर एजुकेशन में 2035 तक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 50 फीसदी हो जाएगा. वहीं नई शिक्षा नीति के तहत कोई छात्र एक कोर्स के बीच में अगर कोई दूसरा कोर्स करना चाहे तो पहले कोर्स से सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर वो दूसरा कोर्स कर सकता है।

★ हायर एजुकेशन में भी कई सुधार किए गए हैं. सुधारों में ग्रेडेड अकेडमिक, ऐडमिनिस्ट्रेटिव और फाइनेंशियल ऑटोनॉमी आदि शामिल हैं. इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्स शुरू किए जाएंगे. वर्चुअल लैब्स विकसित किए जाएंगे. एक नैशनल एजुकेशनल साइंटफिक फोरम (NETF) शुरू किया जाएगा. बता दें कि देश में 45 हजार कॉलेज हैं।

★ सरकारी, निजी, डीम्‍ड सभी संस्‍थानों के लिए होंगे समान नियम।

Exit mobile version