UPSC Topper: शक्ति के पिता हैं उनकी सफलता के असली हीरो, तैयारी कर रहे छात्रों को दी जरूरी सलाह

लेखक जसा राम रिपोर्टिंग by news indiaa

प्रयागराज की होनहार बेटी शक्ति दुबे ने UPSC सिविल सर्विसेज परीक्षा 2024 में पहला स्थान हासिल कर इतिहास रच दिया। दिल्ली में रहकर तैयारी करने वाली शक्ति ने अपने दृढ़ संकल्प, कठिन परिश्रम और परिवार के सहयोग से यह मुकाम हासिल किया। उन्होंने बताया कि उनकी इस सफलता का असली हीरो कौन है।

UPSC Topper Story: प्रयागराज की होनहार बेटी शक्ति दुबे ने UPSC सिविल सर्विसेज परीक्षा 2024 में पहला स्थान हासिल कर इतिहास रच दिया है। दिल्ली में रहकर तैयारी करने वाली शक्ति ने अपने दृढ़ संकल्प, कठिन परिश्रम और परिवार के सहयोग से यह मुकाम हासिल किया। दिल्ली से प्रयागराज पहुंचीं शक्ति का लगातार भव्य स्वागत किया जा रहा है। परिजनों, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों द्वारा उनके घर जाकर फूल-मालाओं और बुके के साथ उनकी कामयाबी पर बधाई दी जा रही है।

प्रयागराज पहुंचते ही शक्ति ने सबसे पहले अपने पिता देवेंद्र कुमार दुबे और ताऊ ए.के. दुबे से आशीर्वाद लिया था। शक्ति ने भावुक होकर कहा कि इस सफलता का सबसे बड़ा श्रेय उनके माता-पिता और गुरुजनों को जाता है।

पिता की प्रेरणा से सपना हुआ साकार

राजस्थान पत्रिका से विशेष बातचीत में शक्ति ने बताया कि उनके पिता, जो उत्तर प्रदेश पुलिस में सब-इंस्पेक्टर हैं, हमेशा से उनकी प्रेरणा रहे हैं। उन्होंने कहा, “मेरे पिता को मुझसे भी ज्यादा विश्वास था कि मैं एक दिन आईएएस बनूंगी।” हालांकि खुद शक्ति को भी उम्मीद नहीं थी कि वह सीधे टॉप रैंक हासिल करेंगी। उन्होंने कहा कि उनकी इस सफलता की कहानी के असली हीरो पिता ही हैं।

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शक्ति ने पिता को बताया असली हीरो।

शक्ति ने कहा कि माता-पिता और भाई-बहनों के सहयोग और विश्वास ने उन्हें कठिन समय में आगे बढ़ने की ताकत दी।

साइंस स्टूडेंट होकर चुना पॉलिटिकल साइंस

दिलचस्प बात यह है कि शक्ति ने साइंस स्ट्रीम से पढ़ाई की थी, लेकिन सिविल सर्विसेज के लिए उन्होंने पॉलिटिकल साइंस और इंटरनेशनल रिलेशंस को वैकल्पिक विषय के तौर पर चुना। इस निर्णय पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “यह मेरी दिलचस्पी का विषय था और इससे मेरी तैयारी को मजबूती मिली।”

यह सफलता शक्ति को उनके पांचवें प्रयास में मिली है। उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी कर रहे युवाओं को सलाह दी कि सफलता के लिए गंभीरता, निरंतरता और अनुशासन बेहद जरूरी है।

सोशल मीडिया पर दी महत्वपूर्ण सलाह

शक्ति ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर भी संतुलन बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया का पूरी तरह बहिष्कार जरूरी नहीं है, लेकिन पढ़ाई के समय फोकस बनाए रखना और इंटरनेट का सीमित व संतुलित उपयोग करना जरूरी है।”

महिलाओं की शिक्षा और कल्याण के लिए करेंगी काम

भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछने पर शक्ति ने कहा कि वह आईएएस अधिकारी बनने के बाद महिलाओं की शिक्षा और उनके सशक्तिकरण के लिए विशेष प्रयास करेंगी।

शक्ति दुबे की यह सफलता न केवल प्रयागराज बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। उनका संघर्ष और समर्पण लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गया है।

लेखक की सलाह (जसा राम):-

UPSC कोई मज़ाक नहीं बल्कि लम्बे संघर्षों और जज्बातो की परीक्षा,यह एक धैर्य की परीक्षा है , जिसने धैर्य रखकर तथा अपने सपनों को साकार करने के जुनून के आगे बढ़ाने की होड़ में लगा रहा वह आज सफल हो गया है। उदाहरण सबके सामने है Shakti dubey ने तीन बार असफल होने के बावजूद हार नहीं मानी और आखिरकार आज उन्होंने अपने सपनों को पूरा कर लिया। “माना मुश्किल है सफ़र इस राह का पर इतना भी नही कि तुम इसे अपने लिए कारा समझ लो”. Dear aspirants आप सच्चे मन से ,सच्ची मेहनत से आगे बढ़ते रहिए आखिरकार आपको अपनी मेहनत के अनुरूप सफलता अवश्य मिलेगी , क्योंकि सरस्वती माता अपना ऋण चुकाती है।

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