बालोतरा, 2 जुलाई 2025 – राजस्थान के बालोतरा जिले के सिणधरी स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय (राउमावि) खीयोणी सारणों की ढाणी ने एक बार फिर शिक्षा के क्षेत्र में अपनी उत्कृष्टता साबित की है। राष्ट्रीय मीन्स-कम-मेरिट छात्रवृत्ति (NMMS) परीक्षा 2025 के हाल ही में घोषित परिणामों में, इस विद्यालय के छह मेधावी छात्रों ने सफलता का परचम लहराया है। इस शानदार प्रदर्शन के साथ, पिछले तीन वर्षों में विद्यालय के छात्रों द्वारा अर्जित कुल छात्रवृत्ति का आंकड़ा ₹10 लाख के महत्वपूर्ण पड़ाव को पार कर गया है, जो ग्रामीण शिक्षा के क्षेत्र में एक असाधारण उपलब्धि है।
इस वर्ष चयनित होने वाले छात्रों में हरीश पुत्र श्री ठाकरारामजी बेनीवाल (160 अंक), हीना पुत्री श्री गणेशजी गोदारा (151 अंक), अनिता पुत्री श्री हनुमानराम जी डेलू (139 अंक), खेमी पुत्री श्री गंगाराम जी मेघवाल (135 अंक), हर्षा पुत्री श्री भींयाराम जी गावड़िया (129 अंक), और सोहनलाल पुत्र श्री चुतराराम जी साईं (124 अंक) शामिल हैं। इन सभी होनहार विद्यार्थियों को कक्षा 9 से 12 तक प्रतिवर्ष ₹12,000 की छात्रवृत्ति मिलेगी, जिससे प्रत्येक छात्र को कुल ₹48,000 की वित्तीय सहायता प्राप्त होगी। इस वर्ष चयनित छह विद्यार्थियों के लिए कुल ₹2,88,000 की राशि स्वीकृत हुई है।
विद्यालय की यह सफलता केवल इस वर्ष तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पिछले कुछ वर्षों से चली आ रही कड़ी मेहनत और लगन का परिणाम है। आंकड़ों पर गौर करें तो:
वर्ष 2025: 6 विद्यार्थियों का चयन, कुल राशि ₹2,88,000
वर्ष 2024: 4 विद्यार्थियों का चयन, कुल राशि ₹1,92,000
वर्ष 2023: 12 विद्यार्थियों का चयन, कुल राशि ₹5,76,000
इन तीन वर्षों में कुल 22 विद्यार्थियों का NMMS छात्रवृत्ति के लिए चयन हुआ है, जिनकी संयुक्त छात्रवृत्ति राशि ₹10,56,000 हो गई है। यह आंकड़ा न केवल छात्रों की प्रतिभा को दर्शाता है, बल्कि विद्यालय के शिक्षकों और अभिभावकों के समर्पण और सहयोग का भी प्रमाण है। विशेष रूप से, वर्ष 2023 में चनणी पुत्री श्री किशना राम जी नवाद ने पूरे राजस्थान में तीसरा स्थान प्राप्त कर विद्यालय और क्षेत्र का नाम रोशन किया था।
NMMS छात्रवृत्ति योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के प्रतिभाशाली छात्रों को माध्यमिक स्तर पर अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करती है। यह छात्रवृत्ति इन छात्रों को वित्तीय बाधाओं के बिना उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है, जिससे वे अपने सपनों को साकार कर सकें।
राउमावि खीयोणी सारणों की ढाणी के प्रधानाचार्य ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “यह हमारे छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों की अथक मेहनत का परिणाम है। हमारा लक्ष्य हमेशा छात्रों को सर्वोत्तम शिक्षा प्रदान करना रहा है ताकि वे उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर सकें। यह सफलता हमें और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करती है।”
यह उल्लेखनीय प्रदर्शन ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के महत्व को रेखांकित करता है और यह दर्शाता है कि सही मार्गदर्शन और समर्थन के साथ, किसी भी पृष्ठभूमि के छात्र बड़ी ऊंचाइयों को छू सकते हैं। राउमावि खीयोणी सारणों की ढाणी का यह कीर्तिमान अन्य विद्यालयों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है और यह साबित करता है कि शिक्षा के माध्यम से किस प्रकार सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है।