भारतीय सेना ने 15 मिनट में नहर पर बनाया पुल, ऑपरेशन ड्रिल में दिखाई ताकत

राजस्थान के बालोतरा में भारतीय सेना की ब्लैक मेस ब्रिगेड ने ऑपरेशन ड्रिल के दौरान जबरदस्त साहस, तकनीक और अनुशासन का प्रदर्शन किया। सेना ने केवल 15 मिनट में नहर पर पुल तैयार कर यह साबित कर दिया कि चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी भारतीय सैनिक हर स्थिति का डटकर सामना करने में सक्षम हैं।सेना की इस ऑपरेशन ड्रिल का मुख्य उद्देश्य था सीमावर्ती इलाकों में किसी भी आपातकालीन स्थिति के दौरान सैनिकों की त्वरित प्रतिक्रिया और संसाधनों की तैनाती को परखना। इस अभ्यास के दौरान सेना के जवानों ने रणनीति, सटीकता, रफ्तार और दृढ़ता के साथ नहर पर पुल तैयार किया और भारी सैन्य वाहनों के गुजरने के लिए रास्ता खोला।

ब्लैक मेस ब्रिगेड की विशेष भूमिका

ब्लैक मेस ब्रिगेड भारतीय सेना की बेहद प्रशिक्षित इकाई मानी जाती है। इस ब्रिगेड के करीब 100 जवानों ने ऑपरेशन ड्रिल में हिस्सा लिया। उन्होंने न केवल पुल तैयार किया बल्कि दुर्गम इलाकों में कैसे तेजी से सेना को पहुंचाया जाए, इसकी भी बारीकी से रणनीति बनाई।

लैंडमाइन हटाने और टैंक तैनाती

ड्रिल के दौरान जवानों ने लैंडमाइन डिटेक्टर की मदद से जमीन में छिपे खतरनाक माइन को ढूंढ़कर उन्हें निष्क्रिय किया। इसके बाद भारी टैंक और सैन्य वाहनों को सुरक्षित रूप से नहर पार करवाई गई। इससे यह भी साफ हो गया कि दुश्मन द्वारा बिछाए गए माइनफील्ड में भी भारतीय सेना अपनी ताकत और तकनीक से आगे बढ़ सकती है।

पल भर में तैयार हुआ हेलिपैड

ऑपरेशन के दौरान न केवल पुल तैयार किया गया बल्कि बेहद कम समय में हेलिपैड भी बनाया गया, जिससे आपातकालीन परिस्थिति में एयर सपोर्ट मिल सके। यह दर्शाता है कि भारतीय सेना दुर्गम इलाकों में भी हर स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार है।

दुर्गम इलाकों में मददगार साबित होगी तैयारी

इस अभ्यास से यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय सेना की तैयारी न सिर्फ सीमावर्ती सुरक्षा के लिहाज से बल्कि आपदा प्रबंधन, राहत और बचाव कार्यों में भी बेहद कारगर साबित हो सकती है। सेना की यह मुहिम स्थानीय लोगों में भी सुरक्षा का भरोसा बढ़ाती है।

इस तरह सेना ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि उनका ध्येय केवल सीमाओं की रक्षा नहीं, बल्कि हर आपदा में देशवासियों के साथ मजबूती से खड़ा रहना भी है।

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