
मारवाड़ के थार रेगिस्तान में एक घर में बना कच्चा कलात्मक झोंपड़ा और आंगन में पड़ी ऑडी एक अनोखी और आकर्षक तस्वीर प्रस्तुत करती है। यह झोंपड़ा और ऑडी राजस्थान की संस्कृति और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इस झोंपड़े को बनाने के लिए स्थानीय सामग्री का उपयोग किया गया है, जैसे कि मिट्टी, बांस, और झाड़ियों की टहनियां।
यह झोंपड़ा न केवल एक सुंदर और आकर्षक संरचना है, बल्कि यह राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जीवनशैली और संस्कृति का एक अहम हिस्सा भी है।आंगन में पड़ी ऑडी एक पारंपरिक पात्र है, जिसका उपयोग खाने के सामान और अन्य वस्तुओं को ढकने के लिए किया जाता है। यह ऑडी अरने की झाड़ियों की टहनियों से बुनी जाती है, जो एक पारंपरिक कौशल है, जो राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में पीढ़ियों से चला आ रहा है।
ऑडी के ऊपर पड़ा हुआ ढेरिया एक अनोखी और आकर्षक वस्तु है। यह ढेरिया कपड़े की कतरनों को कातकर बनाया जाता है, जिससे रस्सी बनाई जाती है और खाट बुनी जाती है। यह ढेरिया राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जीवनशैली और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इस तस्वीर में दिखाई देने वाला झोंपड़ा, ऑडी, और ढेरिया राजस्थान की संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा हैं। यह तस्वीर हमें राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की जीवनशैली और संस्कृति के बारे में जानने का अवसर प्रदान करती है। इस तस्वीर के माध्यम से हम राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं को और गहरे से समझ सकते हैं।