
अब राजस्थान की प्रत्येक ग्राम पंचायत में होगा ऐसा बड़ा काम, सभी कलक्टरों को मिला राजस्थान सरकार ने आगामी पांच वर्षों में प्रदेश में 50 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसी के मद्देनजर पंचायत पौधशाला स्थापित करने का निर्णय लि

karauli News: राजस्थान को हरा-भरा बनाने के लिए अब प्रत्येक पंचायत में पंचायत पौधशालाएं विकसित की जाएंगी। ग्राम पंचायतें भी अपने स्तर पर पौधशालाएं विकसित कर हरियाली को बढ़ावा देने में अपना सहयोग करेंगी। इसके लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की ओर से कवायद शुरू करते हुए प्रदेश के सभी जिला कलक्टरों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
: राजस्थान को हरा-भरा बनाने के लिए अब प्रत्येक पंचायत में पंचायत पौधशालाएं विकसित की जाएंगी। ग्राम पंचायतें भी अपने स्तर पर पौधशालाएं विकसित कर हरियाली को बढ़ावा देने में अपना सहयोग करेंगी। इसके लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की ओर से कवायद शुरू करते हुए प्रदेश के सभी जिला कलक्टरों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
पंचायत पौधशाला स्थापित किए जाने के लिए न्यूनतम 200 वर्गमीटर स्थान होना जरुरी है। पंचायत पौधशाला की उचित देखरेख हो सके, इसके लिए ग्राम पंचायत के समीप ही पौधशाला विकसित की जाएगी। वहीं पानी की पर्याप्त व्यवस्था और परिवहन पहुंच की सुगमता का भी ध्यान रखा जाएगा। पौधशाला की सुरक्षा के लिए वायर फेसिंग/सुरक्षा दीवार आदि का भी प्रावधान रखा जाएगा।
तीन वर्ष तक रहेंगे पौधे
पंचायत पौधशाला तैयार करते समय पौधशाला में पौधे की आयु और ऊंचाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। ताकि पौधशाला में पौधे न्यूनतम 3 वर्ष तक रहें। भारत सरकार की ओर से निर्धारित दिशा-निर्देशों में योजनान्तर्गत समुचित लबाई के पौधे तैयार करने के लिए नर्सरी विकास कार्य न्यनूतम 3 वर्ष के लिए स्वीकृत किए जाने का प्रावधान रखा गया है।
पंचायत पौधशाला में समुचित मानव संसाधन का नियोजन भी आवश्यक होगा। इसमें नरेगा से नियमित रूप से न्यूनतम एक मजदूर का नियोजन किया जा सकता है। जहां पर पौधशाला का आकार बड़ा है वहां की निगरानी व देखभाल के लिए इससे अधिक श्रमिकों भी नियोजन होगा। वहीं चौकीदार की भी व्यवस्था होगी।
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