
जिला बहाल करने की मांग को लेकर आंदोलनकारी 11वें दिन भी धरने पर डटे रहे। यह धरना स्थानीय प्रशासन के खिलाफ शुरू हुआ था, जिसमें लोगों का कहना था कि उनका क्षेत्र विकास और प्रशासनिक सेवाओं से वंचित है। आंदोलनकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें मांग की गई कि उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए और उनका क्षेत्र एक नया जिला बने।धरने में शामिल लोग लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें उचित सरकारी सेवाएं, रोजगार के अवसर और बेहतर बुनियादी ढांचा प्राप्त नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण उनका जीवन स्तर प्रभावित हो रहा है। आंदोलनकारियों ने प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई की अपील की है।धरने के दौरान आंदोलनकारियों ने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखी और सरकार से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद जताई। इस बीच, प्रशासन ने आंदोलनकारियों से बातचीत की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि क्षेत्र के लोगों की भावनाओं को समझते हुए सरकार को जल्दी से जल्दी एक स्थायी समाधान निकालना चाहिए। आंदोलनकारियों का मानना है कि यदि उनका क्षेत्र जिला बनता है, तो इससे न केवल प्रशासनिक कार्यकुशलता में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्र में विकास के नए अवसर भी पैदा होंगे।अब देखना यह है कि सरकार इस ज्ञापन पर कब और कैसे कार्रवाई करती है, और क्या उनकी मांगों को मान्यता मिलती है या नहीं।