चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के बारे में तो हम सभी लोग जानते हैं. लेकिन क्या आपने मंगल ग्रहण के बारे में सुना है. यह बेहद ही दुर्लभ घटना है, जो 14 साल में एक बार नजर आता है…
साल 2025 की पहली पूर्णिमा पर आकाश में एक अद्भुत नजारा दिखेगा. यहां चांद इतना बड़ा हो जाएगा कि पूरे मंगल ग्रह को ही ढक लेगा. इस खगोलीय घटना को “चंद्रमा ग्रहण” (लूनर ऑकल्टेशन) या ‘वुल्फ मून’ कहा जाता है. यह घटना तब होती है जब चंद्रमा किसी चमकीले खगोलीय पिंड के सामने आकर उसे अस्थायी रूप से छिपा देता है.इस बार यह चांद मंगल ग्रह को छुपा दिया, जिसे आप मंगल ग्रहण भी कह सकते हैं. चंद्र और सूर्य ग्रहण के मुकाबले मंगल पर लगने वाला यह ग्रहण बेहद दुर्लभ है, जो बस कुछ विशेष जगहों से हर 14 वर्षों में एक बार देखा जा सकता है.
पहले चमकीले तारे जैसे दिखेगा मंगल, फिर चांद के पीछे छिप जाएगा
चंद्रमा अपनी पूर्ण अवस्था से कुछ ही घंटे आगे बढ़ा होगा, और वह भारत समयानुसार तड़के 3:57 बजे पर अपनी पूर्णिमा अवस्था में पहुंचेगा. वहीं, मंगल ग्रह भी सूर्य के विपरीत स्थिति में होगा. मंगल ग्रह 15 जनवरी को अपनी इस साल की सबसे तेज चमक, -1.3 मैग्नीट्यूड पर रहेगा, जो रात के आकाश के सबसे चमकीले तारे सिरियस के बराबर दिखाई देगा और फिर धीरे-धीरे चांद के पीछे छिप जाएगा. जब चंद्रमा मंगल ग्रह को ढकेगा, उस समय चंद्रमा मंगल से लगभग 40,000 गुना अधिक चमकीला होगा.
क्या भारत में दिखेगी यह घटना?
यह दुर्लभ खगोलीय घटना पूरे अमेरिका के अलावा कनाडा के पूर्वी और मध्य हिस्से से देखी जा सकती है, जहां खगोलप्रेमी इसे अपने टेलिस्कोप के जरिये देख सकते हैं. वैसे उपकरणों के बिना भी मंगल ग्रह को चंद्रमा के पीछे गायब होते और दोबारा प्रकट होते देखा जा सकता है. हालांकि यह भारत में दिखाई नहीं देगी.
यह घटना लगभग एक घंटे तक चलेगी, हालांकि स्थान के अनुसार समय में थोड़ा अंतर होगा. जैसे वाशिंगटन डी.सी. में यह शाम 6:21 बजे (स्थानीय समय) से शुरू होगी. वहीं कनाडा के मॉन्ट्रियल में यह शाम 6:25 बजे से शुरू होगी.खगोल प्रेमियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने स्थान की मौसम स्थिति जांच लें और इस अद्भुत खगोलीय घटना का आनंद लेने के लिए तैयार रहें. यह चंद्रमा और मंगल ग्रह के बीच के जादुई नृत्य का नज़ारा होगा.