
सूर्यघर योजना के तहत एकमुश्त सब्सिडी प्रदान करती हैं, तो अगले 25 वर्षों तक उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली मिल सकती है। इससे न केवल राज्य के वित्तीय बोझ में कमी आएगी, बल्कि यह योजना उपभोक्ताओं को आत्मनिर्भर बना सकती है।जोशी ने कहा कि उनका उद्देश्य किसी राज्य की आलोचना करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि उपभोक्ता सस्ती बिजली का उत्पादन कर सकें और जरूरत पड़ने पर इस बिजली को ग्रिड में जोड़कर देश के अन्य हिस्सों की बिजली आवश्यकता को भी पूरा कर सकें।
उन्होंने राज्यों को यह सुझाव दिया कि वे अपने स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा दें ताकि राज्य और देश दोनों के लिए यह एक दीर्घकालिक समाधान बन सके।राजस्थान, जो पहले से चिन्हित उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली प्रदान कर रहा है, यदि इस प्रस्ताव को अपनाता है तो न केवल राज्य के वित्तीय स्थिति में सुधार हो सकता है, बल्कि यह ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
इस बैठक में राज्य मंत्री श्रीपद नायक और राजस्थान, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश के ऊर्जा मंत्री सहित कई अन्य राज्यों के अधिकारी भी उपस्थित थे, जिन्होंने इस मुद्दे पर गहन मंथन किया।मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बैठक के दौरान यह भी स्पष्ट किया कि राजस्थान भविष्य में ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत की दिशा में ऊर्जा क्षेत्र एक महत्वपूर्ण पहलू है, और इस दिशा में राजस्थान की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।
राज्य न केवल अपनी बिजली जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि अन्य राज्यों को भी बिजली सप्लाई करने के लिए सक्षम होगा।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी राज्यों से मिलकर अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि राजस्थान के पास सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय संसाधनों का विशाल भंडार है, जो राज्य को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना सकता है।राज्य की ऊर्जा नीति में बदलाव और अक्षय ऊर्जा की बढ़ती भूमिका राज्य सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है,
जो राजस्थान को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत पहल साबित हो सकती है।इसी बीच, हरियाणा और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों ने भी अपनी योजनाओं को लागू किया है, जिनमें हरियाणा में 50 हजार रुपये की एकमुश्त सब्सिडी दी जा रही है, जबकि मध्यप्रदेश ने भी नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में योजनाओं को बढ़ावा दिया है।