
माँ एक ऐसा शब्द है जिसमें पूरी दुनिया समाई हुई है।
वह त्याग, प्रेम, धैर्य और ममता की प्रतिमूर्ति होती है।
बचपन में जब हम गिरते हैं,
तो वही हमें सहारा देती है,
जब हम दुखी होते हैं,
तो वही हमारी आँखों के आँसू पोंछती है।
उसकी गोद से बढ़कर कोई स्वर्ग नहीं,
और उसके बिना जीवन अधूरा लगता है।
माँ अपने बच्चों के लिए अपनी इच्छाएँ,
सपने और सुख-चैन सब त्याग देती है,
लेकिन कभी शिकायत नहीं करती।
उसकी हँसी में हमारा सुकून है,
और उसकी दुआओं में हमारी सफलता छिपी है।
माँ के बिना जीवन की कल्पना भी अधूरी है।
हमें उसकी भावनाओं की कद्र करनी चाहिए,
उसके हर त्याग का मान रखना चाहिए
और उसे वो प्यार देना चाहिए,
जिसकी वह हकदार है।