
ग्राम पंचायत नांद ने 26 फरवरी 2025 को इतिहास रच दिया! महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर गांववासियों ने एकजुट होकर सामाजिक बुराइयों के खिलाफ बिगुल फूंक दिया और ऐसा फैसला लिया, जो पूरे देश के लिए प्रेरणा बन सकता है।

अब नांद गांव में नशे की एक बूंद भी नहीं बहेगी, दहेज का एक सिक्का भी नहीं चलेगा, बाल विवाह जैसी कुप्रथा की परछाई भी किसी बेटी पर नहीं पड़ेगी, और तेज आवाज में डीजे-बाजा बजाने जैसी अशोभनीय परंपराओं पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है।यह कोई साधारण घोषणा नहीं, बल्कि सामाजिक सुधार की ऐसी ज्वाला है, जो हर अन्याय और बुराई को भस्म कर देगी !
अब गांव में नशा मुक्त विवाह होंगे, बिना दहेज के रिश्ते जुड़ेंगे, बेटियों को शिक्षा और सम्मान मिलेगा, और हर व्यक्ति बिना किसी सामाजिक बंधन के आजादी से जीवन जी सकेगा। मृत्यु के बाद फिजूलखर्ची और दिखावे की परंपराओं पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाकर समाज में सादगी और सद्भाव को बढ़ावा दिया गया है।
नांद के इस ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय ने पूरे क्षेत्र में हलचल मचा दी है! यह कदम सिर्फ एक गांव तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आस-पास के इलाकों में भी बदलाव की आंधी लेकर आएगा। यह फैसला साबित करता है कि जब एकजुटता और संकल्प की शक्ति साथ हो, तो समाज की हर कुरीति को मिटाया जा सकता है !
आज नांद गांव ने यह साबित कर दिया कि बदलाव की शुरुआत हमेशा एक छोटे से प्रयास से होती है, जो आगे चलकर पूरे देश में क्रांति का रूप ले सकती है!