मोदी सरकार का किसानों को नए साल का तोहफा, खाद पर ज्यादा सब्सिडी- फसल बीमा योजना पर भी सौगात

नए वर्ष 2025 की शुरुआत में, मोदी सरकार ने किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिनमें उर्वरक सब्सिडी बढ़ाना और फसल बीमा योजनाओं का विस्तार शामिल है।डीएपी उर्वरक पर विशेष पैकेज:केंद्र सरकार ने डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) उर्वरक पर सब्सिडी बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिससे किसानों को 50 किलोग्राम की डीएपी बोरी 1,350 रुपये की दर से मिलती रहेगी। इस पहल के तहत, सरकार ने 3,850 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज को मंजूरी दी है, जो 1 जनवरी 2025 से 31 दिसंबर 2025 तक लागू रहेगा। इससे किसानों को उर्वरक की बढ़ती कीमतों से राहत मिलेगी और उनकी उत्पादन लागत कम होगी। फसल बीमा योजनाओं का विस्तार:प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (RWBCIS) की अवधि को वित्त वर्ष 2025-26 तक बढ़ा दिया गया है। इन योजनाओं के लिए कुल 69,515.71 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो पिछले आवंटन से अधिक है। इससे किसानों को प्राकृतिक आपदाओं और फसल नुकसान की स्थिति में वित्तीय सुरक्षा मिलेगी। तकनीकी नवाचार के लिए विशेष फंड:सरकार ने कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचार और सुधार को बढ़ावा देने के लिए 824.77 करोड़ रुपये के विशेष फंड की स्थापना की है। इससे कृषि में आधुनिक तकनीकों के उपयोग को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी और किसानों की आय में सुधार होगा। प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन निर्णयों को किसानों को समर्पित बताया है। उन्होंने कहा कि नए वर्ष का पहला निर्णय देश के करोड़ों किसान भाई-बहनों को समर्पित है, जिससे उनकी फसलों को अधिक सुरक्षा मिलेगी और नुकसान की चिंता कम होगी। कृषि क्षेत्र में सरकार की प्रतिबद्धता:इन निर्णयों से स्पष्ट होता है कि सरकार कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों की समृद्धि के प्रति प्रतिबद्ध है। उर्वरक सब्सिडी बढ़ाने, फसल बीमा योजनाओं का विस्तार करने और तकनीकी नवाचार के लिए विशेष फंड स्थापित करने से किसानों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और उनकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी।किसानों के लिए लाभ:इन पहलों से किसानों को निम्नलिखित लाभ होंगे:उर्वरक की सस्ती उपलब्धता: डीएपी उर्वरक पर बढ़ी हुई सब्सिडी से किसानों को कम कीमत पर उर्वरक मिलेगा, जिससे उनकी उत्पादन लागत कम होगी।फसल बीमा कवरेज का विस्तार: फसल बीमा योजनाओं के विस्तार से अधिक किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा मिलेगी, जिससे उनकी आय स्थिर रहेगी।तकनीकी नवाचार का प्रोत्साहन: तकनीकी नवाचार के लिए विशेष फंड से कृषि में आधुनिक तकनीकों का उपयोग बढ़ेगा, जिससे उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी।इन सभी पहलों से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और कृषि क्षेत्र में विकास को बढ़ावा मिलेगा।

नए वर्ष 2025 की शुरुआत में, मोदी सरकार ने किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिनमें उर्वरक सब्सिडी बढ़ाना और फसल बीमा योजनाओं का विस्तार शामिल है।

डीएपी उर्वरक पर विशेष पैकेज:

केंद्र सरकार ने डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) उर्वरक पर सब्सिडी बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिससे किसानों को 50 किलोग्राम की डीएपी बोरी 1,350 रुपये की दर से मिलती रहेगी। इस पहल के तहत, सरकार ने 3,850 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज को मंजूरी दी है, जो 1 जनवरी 2025 से 31 दिसंबर 2025 तक लागू रहेगा। इससे किसानों को उर्वरक की बढ़ती कीमतों से राहत मिलेगी और उनकी उत्पादन लागत कम होगी।

फसल बीमा योजनाओं का विस्तार:

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (RWBCIS) की अवधि को वित्त वर्ष 2025-26 तक बढ़ा दिया गया है। इन योजनाओं के लिए कुल 69,515.71 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो पिछले आवंटन से अधिक है। इससे किसानों को प्राकृतिक आपदाओं और फसल नुकसान की स्थिति में वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।

तकनीकी नवाचार के लिए विशेष फंड:

सरकार ने कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचार और सुधार को बढ़ावा देने के लिए 824.77 करोड़ रुपये के विशेष फंड की स्थापना की है। इससे कृषि में आधुनिक तकनीकों के उपयोग को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी और किसानों की आय में सुधार होगा।

प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन निर्णयों को किसानों को समर्पित बताया है। उन्होंने कहा कि नए वर्ष का पहला निर्णय देश के करोड़ों किसान भाई-बहनों को समर्पित है, जिससे उनकी फसलों को अधिक सुरक्षा मिलेगी और नुकसान की चिंता कम होगी।

कृषि क्षेत्र में सरकार की प्रतिबद्धता:

इन निर्णयों से स्पष्ट होता है कि सरकार कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों की समृद्धि के प्रति प्रतिबद्ध है। उर्वरक सब्सिडी बढ़ाने, फसल बीमा योजनाओं का विस्तार करने और तकनीकी नवाचार के लिए विशेष फंड स्थापित करने से किसानों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और उनकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी।

किसानों के लिए लाभ:

इन पहलों से किसानों को निम्नलिखित लाभ होंगे:

उर्वरक की सस्ती उपलब्धता: डीएपी उर्वरक पर बढ़ी हुई सब्सिडी से किसानों को कम कीमत पर उर्वरक मिलेगा, जिससे उनकी उत्पादन लागत कम होगी।

फसल बीमा कवरेज का विस्तार: फसल बीमा योजनाओं के विस्तार से अधिक किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा मिलेगी, जिससे उनकी आय स्थिर रहेगी।

तकनीकी नवाचार का प्रोत्साहन: तकनीकी नवाचार के लिए विशेष फंड से कृषि में आधुनिक तकनीकों का उपयोग बढ़ेगा, जिससे उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी।

इन सभी पहलों से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और कृषि क्षेत्र में विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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