राजस्थान बोर्ड 10वीं और 12वीं का रिजल्ट 2025 जल्द: छात्रों की धड़कनें तेज, जानिए पूरी जानकारी

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं समाप्त हो चुकी हैं और अब छात्रों को बेसब्री से अपने रिजल्ट का इंतजार…

View More राजस्थान बोर्ड 10वीं और 12वीं का रिजल्ट 2025 जल्द: छात्रों की धड़कनें तेज, जानिए पूरी जानकारी

विराट कोहली का टेस्ट से विदा लेना: एक युग का अंत और विरासत की शुरुआत

परिचय 13 मई 2025 की सुबह क्रिकेट प्रेमियों के लिए भावनाओं का तूफान लेकर आई। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और दुनिया के महानतम…

View More विराट कोहली का टेस्ट से विदा लेना: एक युग का अंत और विरासत की शुरुआत

राजस्थान बोर्ड 10वीं का रिजल्ट मई में ही जारी करने की तैयारी में, RBSE ने तेज की प्रक्रिया

जयपुर, 12 मई 2025: राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) इस बार 10वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम मई महीने में ही जारी करने की दिशा में…

View More राजस्थान बोर्ड 10वीं का रिजल्ट मई में ही जारी करने की तैयारी में, RBSE ने तेज की प्रक्रिया
भारत ने श्रीलंका को हराया - महिला क्रिकेट भारत ने श्रीलंका को हराकर सीरीज़ पर कब्ज़ा किया, स्मृति मंधाना का शतक शानदार नई दिल्ली, 11 मई 2025 — भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने श्रीलंका को 97 रनों से हराकर तीन मैचों की वनडे श्रृंखला 2-0 से जीत ली है। भारत की पारी – दमदार शुरुआत से शतक तक स्मृति मंधाना ने 101 गेंदों में 116 रनों की विस्फोटक पारी खेली, जिसमें 15 चौके और 2 छक्के शामिल थे। टीम ने कुल 300 रन बनाए। श्रीलंका की पारी – दबाव में बिखर गई टीम श्रीलंकाई टीम 203 रन पर सिमट गई। भारत की गेंदबाज़ी शानदार रही, जिसमें राजेश्वरी गायकवाड़ और रेणुका ठाकुर ने मुख्य भूमिका निभाई। श्रृंखला में टॉप स्कोरर स्मृति मंधाना – 276 रन हरमनप्रीत कौर – 264 रन शैफाली वर्मा – 245 रन सबसे ज़्यादा विकेट राजेश्वरी गायकवाड़ – 15 विकेट रेणुका ठाकुर – 11 विकेट दीप्ति शर्मा – 6 विकेट कोच और कप्तान की प्रतिक्रिया कोच रूमेश पोवार और कप्तान हरमनप्रीत कौर दोनों ने टीम की एकजुटता और प्रदर्शन की सराहना की। निष्कर्ष यह जीत भारत की महिला टीम के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने वाली है और वर्ल्ड कप की तैयारियों को पुख्ता करती है।

भारत की धमाकेदार जीत, स्मृति मंधाना का शतक; वर्ल्ड कप के लिए तैयार दिखी टीम इंडिया

नई दिल्ली, 11 मई 2025 — भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने श्रीलंका को करारी शिकस्त देकर तीन मैचों की वनडे श्रृंखला अपने नाम कर ली…

View More भारत की धमाकेदार जीत, स्मृति मंधाना का शतक; वर्ल्ड कप के लिए तैयार दिखी टीम इंडिया
"माँ की ममता से राष्ट्रपति भवन तक: द्रौपदी मुर्मू की भावनात्मक यात्रा" प्रस्तावना: देश की प्रथम नागरिक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा लिखा गया यह विशेष लेख 'माँ' के त्याग, प्रेम और ममता को समर्पित है। यह लेख न केवल एक व्यक्तिगत अनुभव है, बल्कि यह समाज के उन अनगिनत माताओं को भी श्रद्धांजलि है, जिनके बलिदान और संस्कारों के कारण संतानें ऊँचाइयों तक पहुँचती हैं। 'मेरा अस्तित्व, व्यक्तित्व, परिचय... सब माँ की देन' शीर्षक के माध्यम से उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि जीवन में जो कुछ भी उन्होंने पाया है, उसकी नींव उनकी माँ ने रखी। माँ की सीखें: बचपन से राष्ट्रपति भवन तक द्रौपदी मुर्मू अपने लेख में बताती हैं कि बचपन में कोई भी महत्वपूर्ण या गूढ़ सवाल जब घर आता था, तो बच्चे-बच्चियाँ माँ से ही पूछते थे। माँ का व्यवहार, उनका काम करने का तरीका, उनकी संवेदनशीलता और धैर्य—इन सबने ही बच्चों के भीतर सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता विकसित की। यही कारण है कि राष्ट्रपति बनने जैसी महान जिम्मेदारी निभाते हुए भी वे आज खुद को अपनी माँ के संस्कारों से जुड़ा हुआ महसूस करती हैं। संस्कारों की नींव: आदिवासी समाज की विशेषता इस लेख में वे स्पष्ट करती हैं कि उनका पालन-पोषण एक साधारण आदिवासी समाज में हुआ, जहाँ साधनों की कमी थी लेकिन जीवन मूल्यों की कोई कमी नहीं थी। माँ ने कड़ी मेहनत, आत्मनिर्भरता और सामूहिक सहयोग जैसे जीवन दर्शन सिखाए। वे बताती हैं कि कैसे उनकी माँ खेतों में काम करते हुए भी अपनी बेटियों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान देती थीं। नारी शिक्षा का महत्व राष्ट्रपति मुर्मू यह भी साझा करती हैं कि कैसे उनके गाँव में लड़कियों की शिक्षा को उतना महत्व नहीं दिया जाता था, परंतु उनकी माँ ने इस सामाजिक सोच को चुनौती दी और उन्हें पढ़ाया-लिखाया। यह निर्णय उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण मोड़ बना। आज जब वे भारत की राष्ट्रपति हैं, तो वे माँ के उसी निर्णय को सबसे बड़ी प्रेरणा मानती हैं। गरीबी में भी आत्मसम्मान की शिक्षा वे यह भी लिखती हैं कि माँ ने कभी भी परिस्थितियों के आगे हार नहीं मानी। गरीबी में भी आत्मसम्मान बनाए रखा। उनका कहना है कि माँ ने यह सिखाया कि मदद माँगने से बेहतर है कि खुद पर भरोसा रखा जाए और मेहनत से आगे बढ़ा जाए। समाज और राष्ट्र निर्माण में माँ की भूमिका द्रौपदी मुर्मू यह मानती हैं कि किसी भी समाज और राष्ट्र की नींव माँ की गोद में ही रखी जाती है। एक माँ ही सबसे पहला स्कूल होती है। उन्होंने अपने लेख में बताया कि कैसे आज़ादी के 75 वर्षों के बाद भी माँ की भूमिका समाज निर्माण में सर्वोपरि बनी हुई है। मातृत्व और नेतृत्व का संगम यह लेख मातृत्व और नेतृत्व के बीच के गहरे संबंध को भी उजागर करता है। राष्ट्रपति मुर्मू बताती हैं कि माँ ने उन्हें सिर्फ स्त्री धर्म ही नहीं, बल्कि नेतृत्व के मूल तत्व भी सिखाए—जैसे धैर्य, सब्र, करुणा, न्याय और निर्णय लेने की क्षमता। ‘नारी सशक्तिकरण 2.0’ की नींव माँ के आँचल से लेख में उन्होंने उल्लेख किया कि आज देश में ‘नारी सशक्तिकरण 2.0’ की बात हो रही है, परंतु इसकी नींव तो माँ के आँचल में ही रही है। वे माँ को ही पहली नेता, पहली शिक्षिका और पहली मार्गदर्शिका मानती हैं। समापन: माँ की पूजा, सिर्फ एक दिन नहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का लेख केवल एक भावनात्मक संस्मरण नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय संदेश भी है। वे इस लेख के माध्यम से यह कहना चाहती हैं कि माँ की पूजा केवल 'मदर्स डे' जैसे एक दिन तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि हर दिन उनके योगदान को स्मरण किया जाना चाहिए। निष्कर्ष: माँ का आँचल—संस्कारों की पाठशाला इस भावनात्मक लेख से यह स्पष्ट होता है कि द्रौपदी मुर्मू जैसी ऊँचाई पर पहुँचने वाली महिला भी अपने व्यक्त

माँ की ममता से राष्ट्रपति भवन तक: द्रौपदी मुर्मू की भावनात्मक यात्रा

प्रस्तावना: देश की प्रथम नागरिक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा लिखा गया यह विशेष लेख ‘माँ’ के त्याग, प्रेम और ममता को समर्पित है। यह लेख…

View More माँ की ममता से राष्ट्रपति भवन तक: द्रौपदी मुर्मू की भावनात्मक यात्रा
भारत-पाकिस्तान सीज़फायर पर सहमत, डोनाल्ड ट्रंप ने निभाई मध्यस्थ की भूमिका 10 मई 2025 | विशेष रिपोर्ट | लेखक: [आपका नाम] दक्षिण एशिया एक बार फिर उस मोड़ पर खड़ा था, जहाँ युद्ध और शांति के बीच एक पतली सी रेखा बची थी। भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के दिनों में तीव्र सैन्य तनाव और सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ते हमलों के बाद यह स्पष्ट था कि हालात किसी भी क्षण नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं। ऐसे में आज सुबह एक अप्रत्याशित और महत्वपूर्ण खबर सामने आई, जिसने पूरे क्षेत्र में हलचल मचा दी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप ने ट्वीट कर दावा किया कि भारत और पाकिस्तान दोनों अब "पूर्ण और तत्काल सीज़फायर" के लिए राज़ी हो गए हैं। यह घोषणा ऐसे समय आई है जब सीमा पर सेना की तैनाती, एयर डिफेंस की सतर्कता और आम जनता में भय का माहौल अपने चरम पर था। आइए विस्तार से समझते हैं कि यह घटनाक्रम कैसे विकसित हुआ, इसमें डोनाल्ड ट्रंप की क्या भूमिका रही, और आगे इसके क्या मायने हो सकते हैं। डोनाल्ड ट्रंप का दावा: बातचीत, बुद्धिमानी और समझदारी डोनाल्ड ट्रंप ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जो संदेश जारी किया, उसमें उन्होंने कहा: > "After a long night of talks mediated by the United States, I am pleased to announce that India and Pakistan have agreed to a FULL AND IMMEDIATE CEASEFIRE. Congratulations to both Countries on using Common Sense and Great Intelligence. Thank you for your attention to this matter!" इस बयान में ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिका के मध्यस्थता प्रयासों के चलते दोनों देशों ने तर्क और समझदारी का परिचय देते हुए सीज़फायर पर सहमति जताई है। ट्रंप ने खुद को वार्ता का संयोजक बताते हुए इस निर्णय को ‘बुद्धिमत्ता और सामान्य समझ’ की जीत कहा। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह प्रयास किस औपचारिक या अनौपचारिक माध्यम से किए गए थे, फिर भी इस बयान ने निश्चित रूप से दोनों देशों के बीच जारी सैन्य तनाव में एक नया मोड़ ला दिया है। पृष्ठभूमि: युद्ध के कगार पर भारत-पाकिस्तान बीते कुछ हफ्तों से भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर हिंसा बढ़ती जा रही थी। जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में लगातार गोलाबारी, आतंकवादियों की घुसपैठ, और जवाबी कार्रवाई की घटनाएं आम हो गई थीं। भारत की ओर से हुई सर्जिकल स्ट्राइक और एयरस्ट्राइक की खबरें सोशल मीडिया और समाचार माध्यमों में गूंज रही थीं। दूसरी ओर, पाकिस्तान ने भी अपने सैन्य ठिकानों को एक्टिव मोड में डाल दिया था। इन घटनाओं के चलते देशभर में अलर्ट जारी किया गया था। राजस्थान के बाड़मेर जिले में लॉकडाउन जैसी स्थिति बन गई थी और नागरिकों से सेना की मूवमेंट के वीडियो या जानकारी साझा न करने की अपील की गई थी। क्या डोनाल्ड ट्रंप की बात पर भरोसा किया जा सकता है? यह सवाल लाजिमी है कि एक ऐसे व्यक्ति की बात कितनी विश्वसनीय हो सकती है जो अब अमेरिका के राष्ट्रपति नहीं हैं। ट्रंप की राजनीति हमेशा से ही विवादों में रही है, और वे कई बार ऐसे बयान दे चुके हैं जिन्हें लेकर बाद में स्पष्टीकरण देना पड़ा। बावजूद इसके, यह सच है कि उनके कार्यकाल में उन्होंने भारत-पाक के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी। इस वक्त उनका यह दावा अचानक नहीं बल्कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रतीत होता है। यदि यह दावा सच है, तो यह एक बड़ी कूटनीतिक सफलता कही जा सकती है, लेकिन यदि यह केवल एक राजनीतिक स्टंट है, तो इससे गलतफहमियां और भी बढ़ सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: चुप्पी या प्रतीक्षा? मीडिया और जनता की प्रतिक्रिया ट्रंप के ट्वीट और वीडियो बयान ने भारतीय और पाकिस्तानी मीडिया में हलचल मचा दी है। समाचार चैनल इसकी सत्यता को लेकर लगातार बहस कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर हैशटैग #Ceasefire, #IndiaPakistanPeace, और #TrumpMediator ट्रेंड करने लगे हैं। कुछ लोग इसे एक राहत की खबर मान रहे हैं, वहीं कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि इस वक्त ट्रंप की ओर से ऐसा बयान क्यों आया, और क्या इसके पीछे कोई छिपा हुआ एजेंडा है। भारतीय दृष्टिकोण: क्या यह समझदारी है या दबाव में लिया गया निर्णय? भारत ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। चाहे वह उरी हमले के बाद की सर्जिकल स्ट्राइक हो या पुलवामा हमले के बाद की एयरस्ट्राइक, भारत ने दिखाया है कि वह जवाब देने में हिचकिचाता नहीं है। ऐसे में यदि भारत सीज़फायर के लिए सहमत हुआ है, तो इसके पीछे दो संभावनाएँ हो सकती हैं: 1. राजनयिक दबाव – अमेरिका जैसे देश द्वारा कूटनीतिक दबाव बनाया गया हो। 2. रणनीतिक सफलता के बाद विराम – भारत ने अपना सैन्य उद्देश्य पूरा कर लिया हो और अब आगे की कार्रवाई को रोका हो। पाकिस्तानी दृष्टिकोण: राहत या रणनीति? पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति नाजुक है। ऐसे में लगातार सैन्य तनाव उसे और नुकसान पहुँचा सकता था। अगर वह सीज़फायर के लिए राज़ी हुआ है, तो यह उसकी रणनीति हो सकती है कि वह अभी के लिए स्थिति को शांत करे और अंतरराष्ट्रीय मंच पर खुद को "शांति के पक्षधर" के रूप में प्रस्तुत करे। भविष्य की राह: क्या यह स्थायी समाधान है? सीज़फायर की खबरें पहले भी आती रही हैं, लेकिन अक्सर यह थोड़े समय बाद टूट जाती हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है – क्या यह संघर्ष विराम स्थायी साबित होगा? इसके लिए ज़रूरी है कि दोनों देशों के बीच विश्वास बहाल हो, संवाद की प्रक्रिया जारी रहे, और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर सख्त और साझा कार्रवाई हो। समाप्ति विचार: उम्मीद की एक किरण वर्तमान समय में जब दुनिया भर में युद्ध, राजनीतिक अस्थिरता और कूटनीतिक खींचतान आम हो गई है, ऐसे में भारत और पाकिस्तान जैसे दो परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच संघर्षविराम की खबर उम्मीद की किरण की तरह है। अगर यह निर्णय वास्तव में लिया गया है और उसे ईमानदारी से लागू किया गया, तो यह पूरे दक्षिण एशिया के लिए शांति और विकास की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है। ट्रंप का यह दावा भले ही विवादास्पद हो, लेकिन यदि इसका परिणाम हिंसा की बजाय शांति में होता है, तो यह इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। [नोट: यह रिपोर्ट एक वायरल संदेश और ट्रंप के कथित बयान पर आधारित है। भारत और पाकिस्तान की सरकारों से आधिकारिक पुष्टि आने तक अंतिम निष्कर्ष निकालना जल्दबाज़ी होगी।]

भारत-पाकिस्तान सीज़फायर पर सहमत, डोनाल्ड ट्रंप ने निभाई मध्यस्थ की भूमिका

10 मई 2025 | विशेष रिपोर्ट | लेखक: [kesharam karwarsra] दक्षिण एशिया एक बार फिर उस मोड़ पर खड़ा था, जहाँ युद्ध और शांति के…

View More भारत-पाकिस्तान सीज़फायर पर सहमत, डोनाल्ड ट्रंप ने निभाई मध्यस्थ की भूमिका
सेना की तैयारीनिष्कर्ष: जब देश पुकारे, तो नागरिक बनो सिर्फ दर्शक नहीं सेना दिखे तो सम्मान के साथ देखें, कैमरा जेब में रखें। अपने दोस्तों और परिवार को भी यह संदेश दें। अफवाहों से दूर रहें और केवल आधिकारिक स्रोतों से ही जानकारी लें। किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो तुरंत पुलिस या प्रशासन को सूचित करें। तो क्या करें? आज हर हाथ में मोबाइल है और हर जेब में इंटरनेट। लेकिन इस ताकत के साथ ज़िम्मेदारी भी आती है। सुरक्षा बलों की मूवमेंट का प्रसारण करना देशविरोधी ताक़तों के लिए जानकारी जुटाने का आसान रास्ता बन सकता है। दूसरी बड़ी अपील, देशवासियों से की गई है — अगर आपको भारतीय सेना, वायुसेना या नौसेना के ट्रक या काफ़िले सड़क पर गुजरते दिखें, तो उनका वीडियो या फोटो न लें और न ही सोशल मीडिया पर डालें। यह अपील खुद वरिष्ठ सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों की ओर से ट्विटर पर जारी की गई। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे वीडियो से दुश्मन को सेना की लोकेशन की जानकारी मिल सकती है जिससे सुरक्षा को खतरा हो सकता है। सोचिए – एक वीडियो जो आपको देशभक्ति की भावना में पोस्ट करना लगा, वही दुश्मन के लिए लोकेशन मैप बन सकता है!

जब देश खतरे में हो, तो बाजार बंद और कैमरे भी!

भारत इस समय एक संवेदनशील स्थिति से गुजर रहा है। कुछ घटनाएँ इतनी अहम होती हैं कि एक आम नागरिक का छोटा सा क़दम भी…

View More जब देश खतरे में हो, तो बाजार बंद और कैमरे भी!

9 मई को फिर गरजा भारत: पाकिस्तान को मिली सर्जिकल स्ट्राइक 3.0 की चेतावनी!

भूमिका दक्षिण एशिया एक बार फिर तनाव के मुहाने पर खड़ा है। 9 मई 2025 की सुबह भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (LoC)…

View More 9 मई को फिर गरजा भारत: पाकिस्तान को मिली सर्जिकल स्ट्राइक 3.0 की चेतावनी!
इन तीन उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि भारत की आतंकवाद के प्रति नीति में आमूलचूल परिवर्तन आया है। अब जवाब सिर्फ सीमित शब्दों में नहीं बल्कि स्पष्ट और निर्णायक सैन्य कार्यवाही में मिलता है। भारत का यह रुख न केवल सीमा पार बैठे आतंकी संगठनों को चेतावनी देता है, बल्कि वैश्विक समुदाय को भी यह दिखाता है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपने अधिकारों का प्रयोग करना जानता है। यह बदलाव उस "नए भारत" की तस्वीर है, जो न केवल अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है, बल्कि अपने शत्रुओं को उनकी भाषा में जवाब देने में भी पीछे नहीं रहता। निष्कर्ष: नया भारत, नई नीति साथ ही, समाज में यह संदेश गया कि भारत अब “सॉफ्ट स्टेट” नहीं रहा, बल्कि हर हमले का जवाब देने में सक्षम और तैयार है। इन कार्रवाइयों ने भारतीय राजनीति में भी व्यापक प्रभाव डाला है। इन स्ट्राइक्स के बाद सरकार की लोकप्रियता में वृद्धि देखी गई, और राष्ट्रीय सुरक्षा एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया। तीनों हमलों की तुलना और संदेश यह आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत अब हर हमले का जवाब उसकी प्रकृति और गहराई के अनुसार देता है। साथ ही तकनीक, रणनीति और कूटनीति—तीनों का इस्तेमाल करके आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही करता है।अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और भारत की स्थिति भारत की इन कार्रवाइयों को विश्व के बड़े देशों ने समर्थन दिया है। अमेरिका, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, इजरायल और जापान जैसे देशों ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को उचित ठहराया है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र में भी भारत ने इन घटनाओं को उठाया और पाकिस्तान पर आतंकवाद को पनाह देने का आरोप लगाया। भारत ने यह स्पष्ट किया है कि यदि जरूरत पड़ी तो वह आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है। राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव 3. पहलगाम हमला और 13 दिन बाद मिसाइल स्ट्राइक हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, जिसमें सुरक्षाबलों को निशाना बनाया गया। रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला भी पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठनों द्वारा किया गया। भारत का जवाब: हमले के 13 दिन बाद भारत ने मिसाइल स्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। यह स्ट्राइक मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा के मुख्य अड्डे पर की गई, जहां बड़ी संख्या में आतंकियों के मारे जाने की सूचना है। महत्व: यह पहली बार है जब भारत ने मिसाइल के माध्यम से स्ट्राइक की पुष्टि की। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को और अधिक आक्रामक रूप से इस्तेमाल करने के लिए तैयार है।

पाकिस्तान को करारा जवाब: भारतीय सेना की त्वरित कार्यवाही ने दिया आतंक को माकूल जवाब

भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव की कहानी सिर्फ सीमाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह कई बार आतंकवाद…

View More पाकिस्तान को करारा जवाब: भारतीय सेना की त्वरित कार्यवाही ने दिया आतंक को माकूल जवाब

भारत-पाकिस्तान सीमा पर मॉक ड्रिल: सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियों का जायज़ा

ड्रोन तकनीक और साइबर सुरक्षा भी शामिल इस बार की मॉक ड्रिल में विशेष रूप से ड्रोन हमलों और साइबर सुरक्षा पर ज़ोर दिया गया।…

View More भारत-पाकिस्तान सीमा पर मॉक ड्रिल: सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियों का जायज़ा