
जयपुर। राज्य सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए राजस्थान के अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड (आरएमएफडीसीसी) के ऋण धारकों को राहत देने के लिए “एक मुश्त समाधान योजना – 2025” (One Time Settlement Scheme – O.T.S.S) की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य पुराने बकाया ऋणों से पीड़ित ऋण धारकों को वित्तीय राहत प्रदान करना है, जिससे वे एकमुश्त भुगतान कर अपने ऋण से मुक्त हो सकें।
योजना का पहला चरण 1 मई 2025 से शुरू होकर 30 सितंबर 2025 तक लागू रहेगा। इस चरण में ऋण धारकों को उनके बकाया मूलधन और ब्याज के आधार पर छूट दी जाएगी, जिससे वे एक निश्चित राशि का भुगतान कर अपना ऋण समाप्त कर सकें।
इसके बाद दूसरा चरण 1 अक्टूबर 2025 से 31 दिसंबर 2025 तक चलेगा। इस चरण में उन ऋण धारकों को शामिल किया जाएगा जिनका बकाया 31 मार्च 2024 तक था। इस अवधि में ऋण धारकों को बकाया अतिरिक्त मूलधन एवं ब्याज की एकमुश्त राशि का भुगतान करने पर उनके ऊपर बकाया शास्ति (दंडनीय ब्याज) को पूरी तरह से माफ कर दिया जाएगा। इससे हजारों अल्पसंख्यक लाभार्थियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
राज्य सरकार के इस फैसले से आरएमएफडीसीसी के तहत ऋण प्राप्त कर चुके वे लाभार्थी जो समय पर किश्तें नहीं चुका सके थे, अब एक सुनहरा अवसर प्राप्त कर सकेंगे। इससे न सिर्फ उनके ऊपर का ऋण बोझ कम होगा बल्कि वे दोबारा वित्तीय रूप से सक्षम होकर सरकारी योजनाओं से जुड़ सकेंगे।
वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह योजना उन ऋण धारकों के लिए वरदान साबित होगी जो ब्याज और दंडनीय राशि के कारण ऋण का भुगतान नहीं कर पा रहे थे। इस स्कीम के माध्यम से सरकार ने सामाजिक न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है।
योजना को लागू करने के लिए निगम स्तर पर विशेष कैंप लगाए जाएंगे, जहां ऋण धारक अपना आवेदन प्रस्तुत कर लाभ ले सकेंगे। इसके साथ ही निगम की वेबसाइट और संबंधित जिलों के कार्यालयों में जानकारी दी जाएगी।