
“पेन 2.0 स्कैम” एक नया और खतरनाक साइबर ठगी का तरीका है, जो हाल ही में सुर्खियों में आया है। इसमें साइबर अपराधी एक खास प्रकार के डिवाइस या तकनीक का उपयोग कर लोगों की संवेदनशील जानकारी, जैसे बैंक डिटेल्स और पासवर्ड, चुराते हैं। आइए जानते हैं, यह स्कैम कैसे काम करता है और इससे बचने के तरीके।कैसे होता है
पेन 2.0 स्कैम?
1. डिवाइस आधारित ठगी:इस स्कैम में अपराधी एक खास डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं, जो आकार में पेन या यूएसबी ड्राइव जैसा होता है। इसे पेन 2.0 कहा जा रहा है।
2. डेटा चोरी:इस डिवाइस को किसी सार्वजनिक स्थान, जैसे एटीएम मशीन, साइबर कैफे, या अन्य सार्वजनिक कंप्यूटर में लगाकर डेटा चोरी की जाती है।
3. फिशिंग या स्पूफिंग:अपराधी आपके मोबाइल या ईमेल पर नकली लिंक भेजते हैं, जिन्हें क्लिक करने पर आपका डेटा चुराया जा सकता है।
इस स्कैम से बचने के उपाय
1. अंजान उपकरणों से बचें:कभी भी अनजान यूएसबी डिवाइस या पेन ड्राइव को अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में न लगाएं।
2. सार्वजनिक वाई-फाई का प्रयोग कम करें:जब भी इंटरनेट का उपयोग करें, सुनिश्चित करें कि वह सुरक्षित नेटवर्क हो।
3. अपना सिस्टम अपडेट रखें:हमेशा अपने कंप्यूटर और मोबाइल फोन को अपडेट रखें और एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करें।
4. संदिग्ध लिंक से बचें:किसी भी अनजान ईमेल या एसएमएस में दिए गए लिंक पर क्लिक न करें।सावधान रहना जरूरी है”पेन 2.0 स्कैम” का शिकार कोई भी बन सकता है, लेकिन सतर्कता और जागरूकता से इससे बचा जा सकता है। हमेशा सतर्क रहें और अपनी डिजिटल सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
सतर्क रहें, सावधान रहे यदि आप “पेन 2.0 स्कैम” या किसी अन्य प्रकार की साइबर ठगी का शिकार हुए हैं या इसकी जानकारी आपके पास है, तो आप निम्नलिखित प्राधिकरणों और संस्थानों को इसकी सूचना दे सकते हैं।
1. साइबर क्राइम पोर्टल (Cyber Crime Portal)भारत में साइबर अपराध की शिकायत दर्ज करने के लिए गृह मंत्रालय का आधिकारिक पोर्टल है। यहाँ पर आप ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं।इसमें साइबर ठगी, फिशिंग, और अन्य डिजिटल अपराधों से संबंधित मामले दर्ज किए जाते हैं।
2. लोकल पुलिस स्टेशनअपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर एफआईआर दर्ज कराएं।साइबर सेल से संपर्क करें (हर शहर में साइबर अपराध से निपटने के लिए विशेष सेल होती है)।
3. बैंक हेल्पलाइन (यदि वित्तीय ठगी हुई है)अगर ठगी आपके बैंक खाते से जुड़ी है, तो तुरंत अपने बैंक की कस्टमर केयर हेल्पलाइन से संपर्क करें।14444 या 1930 पर कॉल करें (यह विशेष हेल्पलाइन साइबर फ्रॉड रिपोर्ट करने के लिए है)।
4. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मदद लेंवित्तीय ठगी के मामलों में आप RBI Ombudsman की सेवा का उपयोग कर सकते हैं।
5. CERT-In (Indian Computer Emergency Response Team)CERT-In, भारत की राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसी है।
6. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर रिपोर्ट करेंयदि ठगी सोशल मीडिया या मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से हुई है, तो उस प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट करें।
महत्वपूर्ण बातें: 1. जितनी जल्दी हो सके ठगी की सूचना दें। 2. अपनी व्यक्तिगत जानकारी, जैसे ओटीपी, पासवर्ड, और बैंक डिटेल्स, किसी से साझा न करें। 3. ठगी से जुड़े सारे सबूत, जैसे कॉल रिकॉर्ड, ईमेल, या मैसेज, सुरक्षित रखें।सतर्कता और समय पर कार्रवाई से ठगी के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
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