33 की उम्र में 8400 करोड़ की संपत्ति के मालिक विनय बोले: “जीवन में संतोष नहीं मिला”, ब्रेकअप और असंतोष के बाद हिमालय में आत्म-खोज की

दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय मूल के टेक उद्यमी विनय, जो मात्र 33 साल की उम्र में 8400 करोड़ की संपत्ति के मालिक बन गए, अपने जीवन में उद्देश्य और संतोष की तलाश में हैं।
विनय ने अपनी कंपनी ‘लूम’ को अमेरिकी बाजार में बेचा, जिससे उन्हें अरबों की संपत्ति हासिल हुई। लेकिन, उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि इतनी सफलता और पैसा होने के बावजूद भी उन्हें अपने जीवन में खुशी और संतोष नहीं मिला। उनकी कहानी आज के युवाओं के लिए प्रेरणादायक और विचारशील है, जो पैसा और सफलता को ही जीवन का उद्देश्य मानते हैं।
पैसे से खुशी नहीं, संतोष की तलाश
विनय ने बताया कि उन्होंने अपनी पढ़ाई के बाद अमेरिका में लूम नामक टेक कंपनी शुरू की। उनकी मेहनत और टीम की काबिलियत से कंपनी बहुत कम समय में बड़ी ऊंचाइयों पर पहुंची। उनकी कंपनी ने 250 से अधिक कर्मचारियों को रोजगार दिया और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया।
2018 में उनकी कंपनी को निवेशकों से 1700 करोड़ का फंड मिला, जिसने इसे दुनिया के सबसे तेज़ी से बढ़ने वाले स्टार्टअप्स में से एक बना दिया। लेकिन जब कंपनी को अमेरिकी टेक दिग्गजों को बेचा गया और विनय ने 8400 करोड़ की संपत्ति अर्जित की, तो उन्हें महसूस हुआ कि पैसा और सफलता जीवन का उद्देश्य नहीं हो सकते।
विनय ने कहा, “मुझे यह सब कुछ हासिल करने के बाद भी संतोष नहीं मिला। मेरी जिंदगी में खालीपन था और मैं कुछ नया तलाशने के लिए मजबूर था।”
ब्रेकअप और आत्म-संदेह

विनय ने अपनी निजी जिंदगी पर भी खुलकर बात की। उन्होंने अपने ब्रेकअप का जिक्र करते हुए कहा कि उनका रिश्ता टूटने के बाद वह बेहद टूट गए थे। उन्होंने स्वीकार किया कि उनके जीवन के तनाव और व्यस्तता के चलते उनका रिश्ता बिगड़ा।
अपने सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने अपनी पूर्व प्रेमिका को संबोधित करते हुए लिखा,
“इस ब्रेकअप की वजह मैं ही हूं। मैंने तुम्हारे साथ अन्याय किया। इसके लिए मैं माफी मांगता हूं।”
उनकी यह ईमानदारी उनके व्यक्तित्व का एक अलग पहलू दर्शाती है, जहां वह अपनी गलतियों को स्वीकार कर उनसे सबक लेना चाहते हैं।
हिमालय की यात्रा और आत्म-खोज
ब्रेकअप और जीवन के असंतोष से उबरने के लिए विनय ने हिमालय का रुख किया। उन्होंने बताया कि हिमालय में बिताया गया समय उनके जीवन का सबसे आत्म-विश्लेषण वाला समय था। वहां की शांति और प्राकृतिक सुंदरता ने उन्हें अपने जीवन को गहराई से समझने का मौका दिया।
उन्होंने कहा, “हिमालय ने मुझे खुद को समझने का मौका दिया। मैंने महसूस किया कि संतोष पाने के लिए खुद के भीतर झांकना जरूरी है। मैं अब अपने जीवन को एक नई दिशा में ले जाने के लिए तैयार हूं।”
पढ़ाई और नई शुरुआत
विनय अब आत्म-सुधार और पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह नई चीजें सीखना चाहते हैं और अपने ज्ञान को बढ़ाकर समाज के लिए कुछ उपयोगी करना चाहते हैं। उनका मानना है कि शिक्षा और आत्म-विकास ही जीवन के असली आधार हैं।
“मैं अब जीवन को एक नई शुरुआत देना चाहता हूं। पैसा और सफलता महत्वपूर्ण हैं, लेकिन उनसे अधिक महत्वपूर्ण है जीवन का संतोष और उद्देश्य,” विनय ने कहा।
सफलता और संघर्ष का अद्वितीय सफर
विनय का सफर सिर्फ सफलता की कहानी नहीं, बल्कि यह संघर्ष, आत्म-संदेह और आत्म-खोज की भी कहानी है। उन्होंने 2023 में फोर्ब्स की “30 अंडर 30” लिस्ट में जगह बनाई और अपनी कंपनी के माध्यम से हजारों लोगों के जीवन को प्रभावित किया। लेकिन उनकी इस यात्रा ने उन्हें यह सिखाया कि बाहरी उपलब्धियों से ज्यादा जरूरी है, अंदरूनी संतुलन और शांति।
विनय की कहानी से सीख
विनय की जिंदगी हमें यह सिखाती है कि पैसा और सफलता से परे भी जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलू होते हैं। उनका जीवन यह बताता है कि सच्ची खुशी और संतोष पाने के लिए आत्म-विश्लेषण और अपने आप को समझना जरूरी है। उनकी हिमालय यात्रा और नई शुरुआत का निर्णय यह दर्शाता है कि जीवन में हमेशा बदलाव और सुधार की गुंजाइश रहती है।
यह कहानी आज के युवाओं और उद्यमियों को प्रेरणा देती है कि सफलता और पैसा पाने के बाद भी जीवन के गहरे उद्देश्यों को पहचानना बेहद जरूरी है।