वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को संसद में आम बजट 2025-26 प्रस्तुत किया। इस बजट में किसानों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि का कोई उल्लेख नहीं किया गया है, हालांकि, किसानों को राहत प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं।
कृषि क्षेत्र के लिए प्रमुख प्रावधान:
उच्च उपज वाली फसलों को बढ़ावा: सरकार ने राष्ट्रीय मिशन के तहत दालों और कपास जैसी उच्च उपज वाली फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना बनाई है।
सब्सिडी युक्त कृषि ऋण की सीमा में वृद्धि: किसानों के लिए सब्सिडी वाले कृषि ऋण की सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है, जिससे उन्हें वित्तीय सहायता में वृद्धि होगी।
व्यापार और उद्योग के लिए प्रावधान:
राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन: सरकार ने विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन शुरू करने की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य देश के औद्योगिक विकास को गति देना है।
बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा में वृद्धि: बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% कर दिया गया है, जिससे इस क्षेत्र में अधिक विदेशी निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है।
शिक्षा क्षेत्र के लिए प्रावधान:
बजट में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और विकास के लिए भी प्रावधान किए गए हैं, हालांकि विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है।
इसके अतिरिक्त, बजट में मध्यम वर्ग के लिए आयकर दरों में कटौती की गई है, जिससे उनकी क्रय शक्ति में वृद्धि होगी और आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार ने वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.4% तक सीमित करने का लक्ष्य रखा है, जो पिछले वर्ष के 4.8% से कम है।
हालांकि, एमएसपी में वृद्धि की मांग को लेकर किसान संगठनों ने अपनी अपेक्षाएं व्यक्त की थीं, लेकिन बजट में इस संबंध में कोई घोषणा नहीं की गई है।
कुल मिलाकर, बजट 2025-26 में कृषि, व्यापार, उद्योग, और शिक्षा के क्षेत्रों में विभिन्न प्रावधान किए गए हैं, जिनका उद्देश्य देश के समग्र विकास और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देना है।