भा.ज.पा. सरकार के मंत्री महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को लेकर बार-बार झूठी जानकारी से जनता को गुमराह कर रहे हैं: कांग्रेस

जयपुर : राजस्थान में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) सरकार के मंत्रियों द्वारा झूठी जानकारी फैलाने और जनता को गुमराह करने का आरोप कांग्रेस पार्टी ने लगाया है। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार के मंत्री, विशेषकर शिक्षा मंत्री, अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के नामांकन, शिक्षकों की नियुक्ति और इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर निरंतर दोषारोपण कर रहे हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि वर्तमान सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने और भ्रम फैलाने का काम कर रही है।

कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट किया कि नामांकन के मामले में जो आंकड़े सामने आए हैं, उनके अनुसार, प्रथम कक्षा में प्रवेश आयु को 5 वर्ष से बढ़ाकर 6 वर्ष किए जाने के कारण और शिक्षा मंत्री की लगातार अनर्गल बयानबाजी की वजह से सत्र 2024-25 में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का नामांकन 4.6 प्रतिशत घटा है। इस घटे हुए नामांकन के लिए कांग्रेस ने भाजपा सरकार के शिक्षा मंत्री को जिम्मेदार ठहराया है।

कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा, “शिक्षा मंत्री पिछले एक साल से यह भ्रम फैला रहे हैं कि अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को बंद किया जा रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि इन स्कूलों में अभिभावकों का भरोसा कायम है।” उन्होंने आगे कहा, “यदि हम आंकड़ों पर गौर करें, तो पूर्व में 7 लाख से अधिक छात्र इन स्कूलों में नामांकित हुए थे, जो यह दर्शाता है कि अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर पूरी तरह आशान्वित और संतुष्ट हैं।”

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार के मंत्री, अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को लेकर जो गलत जानकारी दे रहे हैं, वह सिर्फ भ्रम और गुमराह करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने इन स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षकों की नियुक्ति के मुद्दे पर भी जनता को भ्रमित किया है और अपनी विफलताओं को छुपाने का प्रयास किया है।

महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के नामांकन में कमी आने के कारणों पर भी कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। पार्टी ने मांग की है कि शिक्षा मंत्री को इस मुद्दे पर सही तथ्य प्रस्तुत करने चाहिए, ताकि जनता के बीच किसी भी प्रकार का भ्रम न फैले और स्कूलों की विश्वसनीयता बनी रहे।

कांग्रेस ने यह भी कहा कि अगर भाजपा सरकार सच में इन स्कूलों के बारे में सुधार चाहती है तो उन्हें सकारात्मक कदम उठाने चाहिए, न कि सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करनी चाहिए।

🔸 नामांकन सच्चाई ये है कि प्रथम कक्षा में प्रवेश आयु 5 वर्ष से बढ़ाकर 6 वर्ष करने एवं शिक्षा मंत्री की लगातार अनर्गल बजायबाजी की वजह से सत्र 2024-25 में स्कूलों का नामांकन 4.6 प्रतिशत घटा है। शिक्षा मंत्री 1 साल से अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को बंद करने का भ्रम फैला रहे हैं। जबकि ज्यादातर स्कूलों के आंकड़ें और पूर्व में 7 लाख से अधिक नामांकन बताता है कि अभिभावक इन स्कूलों में अपने बच्चों के भविष्य निर्माण को लेकर पूर्णत: आशान्वित और संतुष्ट हैं।

राजस्थान की कांग्रेस पार्टी ने भा.ज.पा. सरकार के मंत्रियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें कहा गया है कि वे महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के संबंध में बार-बार झूठी जानकारी फैलाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। कांग्रेस का दावा है कि भाजपा सरकार के मंत्री विशेष रूप से शिक्षा मंत्री द्वारा इन स्कूलों के नामांकन, शिक्षकों की नियुक्ति और इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगातार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को दोषी ठहराया जा रहा है, जबकि हकीकत यह है कि भाजपा सरकार अपने विफलताओं को छुपाने और भ्रम फैलाने का प्रयास कर रही है।

कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ताओं ने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा सरकार के मंत्री महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को लेकर गलत तथ्यों को बार-बार प्रचारित कर रहे हैं, जबकि इन स्कूलों का रिकॉर्ड काफी अच्छा रहा है और अभिभावकों का इन पर पूरा विश्वास था।

नामांकन में गिरावट
कांग्रेस ने कहा कि सत्र 2024-25 में इन स्कूलों में नामांकन में 4.6 प्रतिशत की कमी आई है, और इसका मुख्य कारण प्रथम कक्षा में प्रवेश आयु को 5 वर्ष से बढ़ाकर 6 वर्ष करना था। इसके अलावा, शिक्षा मंत्री की गलत बयानबाजी और भ्रमित करने वाली बातें भी नामांकन में कमी का कारण बनीं। कांग्रेस का कहना है कि यह एक निराधार अफवाह थी कि अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को बंद किया जा रहा है, और इससे अभिभावकों में चिंता और भ्रम फैल गया।

कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, “शिक्षा मंत्री की लगातार बयानबाजी के कारण अभिभावकों के मन में डर बैठा है कि ये स्कूल बंद हो सकते हैं, जिसके कारण कई अभिभावकों ने अपने बच्चों को नामांकित नहीं किया।”

अभिभावकों का विश्वास
इसके बावजूद, कांग्रेस ने इस बात पर जोर दिया कि महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में 7 लाख से अधिक छात्रों का नामांकन हुआ था, जो इस बात का प्रमाण है कि अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य निर्माण के लिए इन स्कूलों पर पूरे विश्वास के साथ निर्भर रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि यदि सरकार इन स्कूलों में सुधार करना चाहती है, तो उसे इस विश्वास को बनाए रखने के लिए सकारात्मक कदम उठाने चाहिए, न कि सिर्फ भ्रामक बयानबाजी करने चाहिए।

शिक्षकों की नियुक्ति और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान
कांग्रेस ने भाजपा सरकार को यह भी याद दिलाया कि अगर सरकार इन स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षकों की नियुक्ति पर काम करना चाहती है, तो उसे पहले से मौजूद संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करना चाहिए और साथ ही उन स्कूलों के लिए सही नीति और कार्यप्रणाली तैयार करनी चाहिए, ताकि छात्रों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार हो सके।

कांग्रेस का सुझाव
कांग्रेस ने भाजपा सरकार से यह भी अपील की कि शिक्षा मंत्री को इन स्कूलों के बारे में सकारात्मक बयान देने चाहिए, जिससे आम जनता और अभिभावक भ्रमित न हों। पार्टी ने यह भी कहा कि अगर भाजपा सरकार को सच में सुधार चाहिए तो विरोधी राजनीति छोड़कर सकारात्मक बदलाव की ओर कदम बढ़ाना चाहिए।

कांग्रेस के अंत में तर्क
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के नेता हमेशा अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करते हैं। भाजपा सरकार की निरंतर विफलता को लेकर पार्टी ने कहा कि सरकार को सच्चाई स्वीकार करनी चाहिए, बजाय इसके कि वह झूठी जानकारी से जनता को भ्रमित करें।

कांग्रेस ने फिर से महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के विकास, संवर्धन और किरदार की तारीफ की और सरकार से अनुरोध किया कि वह इन स्कूलों की अहमियत को समझे और उन्हें बंद करने के बजाय समाज के लिए उपयुक्त सुधार लाए।

उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी जी के विधानसभा क्षेत्र विद्याधर नगर के वार्ड-21 के अंग्रेजी माध्यम स्कूल में 794 छात्र और 661 छात्राओं के साथ सर्वाधिक 1455 विद्यार्थियों का नामांकन हैं।

मुख्यमंत्री भजनलाल जी और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम जी के गृह जिले भरतपुर के कामां विधानसभा क्षेत्र में गांव विलंग के स्कूल में दूसरा सबसे अधिक 1226 विद्यार्थियों का नामांकन है।

– स्वयं शिक्षा मंत्री मदन दिलावर जी के गृह जिले कोटा की रामपुरा स्कूल 861 विद्यार्थियों के नामांकन के साथ टॉप-5 में और गुमानपुरा की स्कूल 796 विद्यार्थियों के नामांकन के साथ टॉप-10 में शामिल है।

🔸शिक्षकों की नियुक्ति

भाजपा सरकार का 1 साल बीत गया लेकिन इन स्कूलों में 1 टीचर की नियुक्ती नहीं कर पाई। 3 महीने बाद बोर्ड की परीक्षा है, ऐसे में विद्यार्थियों का पाठ्यक्रम पूरा कैसे होगा? 13,552 शिक्षकों समेत 17 हजार से अधिक पद रिक्त पड़े हैं। पिछले वर्ष अगस्त में शिक्षकों के पदस्थापन के लिए परीक्षा आयोजित की गई, लेकिन 30 हजार से अधिक चयनित शिक्षकों को सरकार अब तक जिले आवंटित कर नियुक्ति नहीं दे पाई।

– जबकि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए 45,300 पद स्वीकृत किए। 20 हजार नवीन पद और 10 हजार संविदा पद सृजित कर भर्ती के साथ कैडर नियम बनाए और नियुक्ति दी।

🔸इंफ्रास्ट्रक्चर

आश्चर्य है कि शिक्षा मंत्री को अपने ही विभाग की जानकारी नहीं है, इसलिए वो कहते घूम रहे हैं कि “कांग्रेस सरकार ने सिर्फ अंग्रेजी स्कूलों के बोर्ड टांग दिए”

” सच्चाई ये है कि अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के क्रांतिकारी निर्णय के बाद पृथक नियम बनाए, पद स्वीकृत कर कैडर बनाया और पहले सिर्फ जिला मुख्यालय पर कक्षा 1 से 8वीं तक की कक्षाओं को अंग्रेजी माध्यम में रूपांतरित किया गया। और फिर जनता से मिले फीडबैक के आधार पर बाद में रूपांतरित स्कूलों में कक्षा 1 से 5वीं कक्षा को ही अंग्रेज़ी माध्यम में रूपांतरित किया गया। साथ ही स्कूलों में परीक्षा परिणाम के साथ हर वर्ष एक कक्षा स्वत: क्रमोन्नत होकर 12वीं तक करने के नियम बनाए गए।

कांग्रेस सरकार के समय विधायक, डॉक्टर और अधिकारियों के बच्चे अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ते थे। हिंदी माध्यम के बराबर बजट जारी किया गया।

इन स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर सरकार की संजीदगी एवं जनता की रूचि इस ट्वीट में संलग्न स्कूलों की कुछ तस्वीरों और ख़बरों से समझी जा सकती है।

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