
बाड़मेर | गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढावा देने के उद्देश्य से वीर तेजा नव सृजन संस्थान द्वारा जिलेभर में कक्षा 5वीं से 12वीं तक के समस्त विद्यार्थियों के लिए उनके पाठ्यक्रम पर आधारित कक्षावार टेस्ट सीरीज व ग्रामीण प्रतिभा खोज परीक्षा का आयोजन किया जा रहा हैं। जो प्रत्येक 21 दिन में या हर तीसरे शनिवार को विद्यालय स्तर पर आयोजित होता है। इस अनूठी पहल के साथ हजारों विद्यार्थी जुड़कर अपने भविष्य का निर्माण कर रहे हैं।

राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खिंयोणी सारणों की ढाणी, पानाबेड, सिणधरी के प्राचार्य धर्माराम सियाग के शब्दों में इस टेस्ट सीरीज को इस तरह से समझने का प्रयास करें।
☆ इसमें पूरे पाठ्यक्रम को 10 टेस्ट में विभाजित किया गया है और 20-21 दिन में एक टेस्ट आयोजित किया जाता हैं।इस अवधि में प्रत्येक विषय का एक या दो पाठ आते हैं जो पाठ्यक्रम के अनुसार वैसे भी पूरे करवाने होते है।

》संस्था प्रधान के लिए उपयोगी
☆ वर्तमान समय में विद्यालयों में कार्य अधिकता के कारण संस्था प्रधान क्लास टू क्लास बच्चो की मॉनिटरिंग नहीं कर पाते। और न ही स्टाफ की मॉनिटरिंग कर पाते है। इस टेस्ट सीरीज के द्वारा स्टाफ की मीटिंग लेकर उनको तय समय में कार्य करने हेतु निर्देशित किया जा सकता है और टेस्ट के बाद फीडबैक लिया जा सकता है।

》अध्यापकों के लिए उपयोगी
इसमें अध्यापक एक तय समय में टारगेट लेकर कार्य कर अपने विषय की परफॉर्मेंस का पता लगा सकता है और उसमे सुधार के लिए और प्रयास किए जा सकते हैं। अगर कोई स्कूल में बच्चे अच्छा परफॉर्मेंस करते हैं तो उन अध्यापकों से संपर्क करके अच्छे प्रयास किए जा सकते हैं।

》विद्यार्थियों के लिए उपयोगी
इसमें विद्यार्थी तय समय सीमा में पाठ्यक्रम को पूरा कर जिले भर के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के साथ टेस्ट में शामिल होता है। उसे अपनी हकीकत का पता चलता है और उनमें जिले में टॉप आने की प्रतिस्पर्धा बढ़ती है। इसमें नेगेटिव मार्किंग होने के कारण तुक्का सिस्टम पर भी विराम लगाने की आदत का बच्चो में विकास होता है।

》अभिभावकों के लिए उपयोगी
इसमें विद्यार्थियों का प्रत्येक टेस्ट के बाद प्रिंटेड डाटा तैयार किया जाता है जिससे अभिभावकों को अपने बच्चों के विषय वार शैक्षिक स्तर का पता चल सकता है।

》सबसे बड़ा सवाल ◇इतना सब होते हुए भी सवाल यह है कि इस टेस्ट सीरीज में बच्चों को शामिल किया जावे या नहीं???
इस टेस्ट में बच्चों से 30 रूपये शुल्क लिया जाता है उस शुल्क में 15-20 पेज का प्रिंटेड पेपर और ओएमआर सीट दी जाती है।और क्लास के 6 सब्जेक्ट के अनुसार 60 पेपर तैयार करवाने होते है फिर उनकी प्रिंटिग से लेकर पैकिंग विद्यालय तक पहुंचाने आदि का खर्चा भी शामिल होता हैं।

》यह भी जानिए◇टेस्ट में शामिल नहीं होने के कारण
1. विद्यालयों तक पूरी व सही जानकारी नहीं पहुंच पाना।
2. टेस्ट में शुल्क रखा हुआ है बच्चे शुल्क देते नहीं है।

बच्चे पर कितना आर्थिक बोझ पड़ेगा इस टेस्ट सीरीज का?
रोजाना का मात्र एक रुपया और ऐसे शायद ही कोई संस्था प्रधान , गुरुजन,बच्चे और अभिभावक होंगे जिन्होंने ये स्टेट्स नहीं लगाया हो।
हक़ीक़त यह है कि पढाई के लिए यदि खाने की थाली भी बेचनी पड़े तो भी बेच देना चाहिए ।
और यहां बात सिर्फ एक रुपए की ही हैं। इसलिए मेरा सभी संस्थाप्रधानों और गुरुजनों से अनुरोध है कि अपने विद्यालय के समस्त विद्यार्थियों को एक बार इस टेस्ट सीरीज से अवश्य जोड़े।

हम जिस भी जगह और जिस भी रुप में है हमारी बहुत जिम्मेदारी हैं नहीं तो फिर वहीं बात होगी कि
“तमन्ना तो थी बहुत कुछ करने की लेकिन पेट भर गया तो मुझे नींद आ गई”
मेरा इस संस्था से कोई व्यक्तिगत जुड़ाव नहीं है। लेकिन हां -“जुड़ाव है -इनके कार्यों से, हमारी स्कूल के कक्षा 5-12 तक के सभी विद्यार्थी इस टेस्ट सीरीज में शामिल होकर बहुत बेहतरीन कर रहे हैं और अब आपसे भी यही अपेक्षा रहेगी।
Great work✌️
Yah aap sabhi ki mehnat or sahyog se hi sambhav huaa he sir