उत्तराखंड सरकार ने अवैध शराब में मिलावट की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आबकारी विभाग ने निर्णय लिया है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 से देशी शराब के पव्वों की बिक्री कांच की बोतलों में प्रतिबंधित कर दी जाएगी, और अब ये केवल टेट्रा पैक में ही उपलब्ध होंगे। आबकारी आयुक्त हरिश्चंद्र सेमवाल के अनुसार, हरिद्वार जिले में निरीक्षण के दौरान शाहपुर शीतलाखेड़ा और लक्सर क्षेत्रों में संदिग्ध और मिलावटी देशी शराब बरामद हुई है। इसके अलावा, लक्सर क्षेत्र में एक अवैध मिनी देशी शराब फैक्ट्री भी पकड़ी गई, जहां भारी मात्रा में अवैध देशी मदिरा के भरे और खाली कांच के पव्वे मिले। इन घटनाओं के मद्देनजर, सरकार ने कांच की बोतलों में मिलावट की संभावनाओं को देखते हुए यह निर्णय लिया है। टेट्रा पैक में शराब की पैकेजिंग से मिलावट की संभावना कम होगी, जिससे उपभोक्ताओं को सुरक्षित उत्पाद मिल सकेगा। इसके अलावा, टेट्रा पैक पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी अधिक अनुकूल माने जाते हैं। इस बदलाव के तहत, प्रदेश में देशी मदिरा के पव्वों की भराई शत-प्रतिशत टेट्रा पैक में की जाएगी, जिससे देशी मदिरा की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे आगामी वित्तीय वर्ष से इस नई व्यवस्था के अनुसार शराब खरीदें और कांच की बोतलों में उपलब्ध देशी शराब से बचें, ताकि मिलावटी उत्पादों से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों से बचा जा सके।इस पहल का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सुरक्षित और शुद्ध उत्पाद प्रदान करना है, जिससे अवैध शराब के व्यापार पर भी अंकुश लगेगा।
