UPSC Topper: शक्ति दुबे ने खुद लिखी कविता और उसी के बदौलत बदली अपनी जिंदगी, ऐसे ‘बन गई आल इंडिया टॉपर’

प्रयागराज की बेटी शक्ति दुबे ने सात साल की कठिन तपस्या और पांच प्रयासों के बाद अपने सपनों को हकीकत में बदला। सिविल सेवा परीक्षा 2024 में टॉप करने वाली शक्ति की एक कविता उनके संघर्ष और हौसले का आइना है।

UPSC Topper shakti dube: प्रयागराज की बेटी शक्ति दुबे ने सात साल की कठिन तपस्या और पांच प्रयासों के बाद अपने सपनों को हकीकत में बदला। सिविल सेवा परीक्षा 2024 में टॉप करने वाली शक्ति की एक कविता उनके संघर्ष और हौसले का आइना है:
“इमारत तो काफी पुरानी है, इसे गिराकर नई बनाने में वक्त लगेगा। किस्से तो कई संभाल कर रखे हैं, उनको कहानी बनाने में वक्त लगेगा। सब्र करो, सब होगा, बस थोड़ा वक्त लगेगा।”

UPSC Topper: शक्ति के पिता हैं उनकी सफलता के असली हीरो, तैयारी कर रहे छात्रों को
दी जरूरी सलाह - image

शक्ति ने अपने इंटरव्यू में भी यही कविता सुनाकर अपने जज्बे को बयान किया था। खाली वक्त में अपनी ही कविताओं से खुद को प्रेरित करने वाली शक्ति का सफर आसान नहीं रहा। बिना तैयारी के पहला प्रयास करने वाली शक्ति को शुरुआत में सफलता की उम्मीद नहीं थी, लेकिन हार मानने का नाम उन्होंने कभी नहीं लिया।

UPSC Topper shakti dubey

बाद के प्रयासों में कोचिंग और सेल्फ स्टडी का सहारा लिया। तीसरे प्रयास में पूरी मेहनत के साथ परीक्षा दी, मगर सफलता फिर भी दूर रही। निराशा से हार मानने के बजाय, शक्ति ने अपनी गलतियों से सीखा और खुद को बेहतर बनाया। अंततः पांचवें प्रयास में वह वह मुकाम हासिल कर गईं, जिसकी हर अभ्यर्थी ख्वाहिश रखता है।

रिजल्ट के दिन का जिक्र करते हुए शक्ति ने बताया कि जैसे ही टॉप रैंक का पता चला, उन्होंने सबसे पहले अपने पिता देवेंद्र दुबे को फोन किया। खबर सुनकर उनके पिता कुछ पल के लिए चुप रह गए और फिर फोन शक्ति की मां प्रेमा देवी को पकड़ा दिया। थोड़ी देर बाद पिता का दोबारा फोन आया और उन्होंने कहा, “फिर से बताओ क्या हुआ?”

शक्ति का कहना है कि उनकी मां ने अकेले संघर्ष करते हुए परिवार को संभाला और हर मोड़ पर उन्हें आगे बढ़ने का हौसला दिया। पिता ने भी हमेशा उनका मनोबल बढ़ाया और इसी सपने को सच करने के लिए प्रेरित किया। शक्ति गर्व से कहती हैं, “यह सपना मेरा नहीं, हमारे पूरे परिवार का था, जिसे हमने साथ मिलकर पूरा किया है।”

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