AIIMS Gorakhpur: दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं राष्ट्रपति, बोलीं- एम्स ने नवाचार को बनाया कार्यशैली का हिस्सा

सार

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गोरखपुर एम्स के पहले दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं। इस दौरान उन्होंने चिकित्सा को सेवा बताते हुए डॉक्टरों के व्यवहार और समर्पण को मरीजों के ठीक होने में महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने एम्स को भारत की चिकित्सा क्षमता का प्रतीक और नवाचार का केंद्र करार दिया। 

President Draupadi Murmu attended the first convocation of AIIMS Gorakhpur

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू – फोटो : अमर उजाला

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि डॉक्टर का व्यवहार मरीज के मानसिक व शारीरिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डालता है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आपने इसे करियर के रूप में चुना, क्योंकि आपके मन और परिवार में संवाभावना है। एक संवेदनशील डॉक्टर न केवल दवा,  बल्कि अपने व्यवहार से भी मरीज को जल्द ठीक करने में मदद करता है। सहानुभूतिपूर्ण देखभाल से मरीज की हालत में तेजी से सुधार होता है। डॉक्टर के धैर्य व समर्पण की भावना समाज में आदर्श प्रस्तुत करती है, जिससे अन्य लोग भी प्रेरित होते हैं। चिकित्सा एक प्रोफेशन नहीं, बल्कि सेवा है।

राष्ट्रपति सोमवार को गोरखपुर एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) के पहले दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं। राष्ट्रपति ने आयोजन में शामिल होने पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने विद्यार्थियों को उपाधि व मेडल प्रदान किया। समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, गोरखपुर के सांसद रवि किशन, एम्स गोरखपुर के अध्यक्ष देशदीपक वर्मा, एम्स की कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल डॉ. विभा दत्ता आदि की मौजूदगी रही।विज्ञापन

डॉक्टरों के जगने से बचती हैं कई जिंदगियां


राष्ट्रपति ने कहा कि कभी रात में थके हारे सोए हैं, लेकिन आधी रात में किसी ने फोन किया तो आपको जगना पड़ता है। आपके जगने से कई जिंदगी बचती है। खाने का एक निवाला अंदर गया, तभी टेलीफोन आ गया, लेकिन आप खाना खाकर रेस्ट करके भी नहीं जा सकते हैं। यह इमरजेंसी सर्विस है, इसलिए लोग डॉक्टरों को भगवान मानते हैं। हम भगवान को देखे नहीं, लेकिन जिसके कदमों के पास अपने मरीजों को भेजते हैं, वे चलते-फिरते भगवान होते हैं, उनसे कहते हैं कि डॉक्टर साहब इसे बचाओ। उनके पास आर्थिक व्यवस्था है कि नहीं, बिन यह सोचे आपको जिंदगी बचानी पड़ेगी, क्योंकि यही मानवता है। 

भारत की चिकित्सा क्षमता का प्रतीक है एम्स


राष्ट्रपति ने कहा कि यह केवल आयोजन नहीं, बल्कि शिक्षा- सेवा व समर्पण के मूल्यों के प्रति निष्ठा व्यक्त करने का महत्वपूर्ण अवसर है। एम्स का नाम सुनते ही मन में विश्वस्तरीय इलाज, उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधा, आधुनिक टेक्निक व समर्पित डॉक्टर की छवि आंखों के सामने उभरती है। यह संस्थान भारत की चिकित्सा क्षमता का प्रतीक है। यहां हर मरीज को उम्मीद की नई किरण दिखाई देती है।  

President Draupadi Murmu attended the first convocation of AIIMS Gorakhpur

गोरखपुर एम्स दीक्षांत समारोह – फोटो : अमर उजाला

एम्स ने नवाचार को बनाया कार्यशैली का हिस्सा 


राष्ट्रपति ने कहा कि एम्स ने भारत में चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और उपचार के क्षेत्र में उच्चतम मानक स्थापित किए हैं। चाहे सर्जरी की नई टेक्निक हो, अर्ली डायग्नोस्टिक के उपकरण हों या आयुष-एलोपैथी के समन्वय से बीमारियों का इलाज, एम्स ने नवाचार को अपनी कार्यशैली का हिस्सा बनाया है। देश का पहला एम्स स्थापित करने का जो उद्देश्य था, उसे पूरा करने में सभी एम्स संस्थान सफल रहे। एम्स सेवा, गुणवत्ता व नवाचार के केंद्र बन गए हैं। एम्स गोरखपुर इस परंपरा को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा रहा है। इस संस्थान ने बहुत कम समय में शिक्षा, अनुसंधान और चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। यह संस्थान सुलभ व सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। 

राष्ट्रपति ने टेक्नोलॉजी पर की चर्चा 


राष्ट्रपति ने कहा कि टेक्नोलॉजी इन मेडिसिन के बारे में सभी जानते हैं। टेली मेडिसिन, एआई इन डायग्नोस्टिक, रोबोटिक सर्जरी, वेरिएबुल हेल्थ टेक जैसे तकनीक चिकित्सा सेवा को बेहतर बना रहे हैं। एम्स के द्वारा रोबोट असिस्टेट सर्जरी, एआई बेस्ड कैंसर डिटेक्शन का उपयोग किया जा रहा है, जो चिकित्सा नवाचार के लिए भारत की तत्परता को दर्शाता है। एआई डिवेन हेल्थ केयर में एथिक्स डेटा प्राइवेसी और ह्यूमन टच बनाए रखने पर भी विचार करना आवश्यक है। 

अपने कार्य से रोशन करेंगे नाम 


राष्ट्रपति ने सीएम से हुई चर्चा का भी जिक्र किया। उन्होंने 1-15 साल के गरीब बच्चों की चर्चा करते हुए कहा कि यहां कभी के उनके पास रहने, खाने, स्वच्छता की व्यवस्था नहीं थी। उन्हें एक बीमारी हो रही थी, लेकिन अब वह बीमारी समाप्त हो गई। राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वास है कि आप ऐसे क्षेत्रों व लोगों के लिए अच्छी स्वास्थ्य दिशा के क्षेत्र में कार्य करेंगे और अपने कार्य से एम्स गोरखपुर व देश का नाम रोशन करेंगे।

President Draupadi Murmu attended the first convocation of AIIMS Gorakhpur

सीएम योगी आदित्यनाथ – फोटो : अमर उजाला

गोरखपुर में एम्स का बनना सपना था


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2014 के पहले गोरखपुर में एम्स का बनना सपना था। आज साकार रूप में यह पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमोत्तर बिहार और नेपाल के बड़े भूभाग की कुल मिलाकर पांच करोड़ की आबादी के लिए प्रत्यक्षतः और सात करोड़ की आबादी के लिए अप्रत्यक्षतः चिकित्सा सुविधा हेतु निर्भरता का प्रमुख केंद्र बन चुका है। 

एम्स के रूप में सपनों का साकार होना अत्यंत महत्वपूर्ण क्षण


मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्स गोरखपुर के पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमोत्तर बिहार और नेपाल के सीमावर्ती पटल को मिलाकर पटना से लखनऊ के बीच चिकित्सा सेवा का ऐसा कोई महत्वपूर्ण केंद्र नहीं था। आज यहां सपनों का साकार होना दिख रहा है। गत वर्ष से एम्स गोरखपुर में डीएम की पढ़ाई भी शुरू हो गई है। यूजी, पीजी, सुपर स्पेशलिटी के साथ नर्सिंग की भी उत्कृष्ट पढ़ाई हो रही है। एम्स गोरखपुर के रूप में सपनों का साकार होना आज सबके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण क्षण है। 

एम्स के रूप में सपनों का साकार होना अत्यंत महत्वपूर्ण क्षण


मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्स गोरखपुर के पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमोत्तर बिहार और नेपाल के सीमावर्ती पटल को मिलाकर पटना से लखनऊ के बीच चिकित्सा सेवा का ऐसा कोई महत्वपूर्ण केंद्र नहीं था। आज यहां सपनों का साकार होना दिख रहा है। गत वर्ष से एम्स गोरखपुर में डीएम की पढ़ाई भी शुरू हो गई है। यूजी, पीजी, सुपर स्पेशलिटी के साथ नर्सिंग की भी उत्कृष्ट पढ़ाई हो रही है। एम्स गोरखपुर के रूप में सपनों का साकार होना आज सबके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण क्षण है। 

प्रथम बैच से इंसेफेलाइटिस पर केस स्टडी का आह्वान


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन के दौरान एम्स गोरखपुर के प्रथम पासआउट बैच से आह्वान कि प्रथम बैच के डॉक्टर पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए दहशत का पर्याय रही इंसेफेलाइटिस पर केस स्टडी करें। उन्होंने कहा कि एम्स की स्थापना का एक लक्ष्य यह भी था कि पूर्वी यूपी में इंसेफेलाइटिस के इलाज की सुविधा मिले, पर आज जो विद्यार्थी डिग्री लेकर जा रहे हैं तो उन्हें भी इसके उन्मूलन की सुखद अनुभूति हो रही होगी। सीएम ने कहा कि आज से आठ साल पहले यह माह इंसेफेलाइटिस के चलते भय का होता था। चालीस साल में प्रदेश में इंसेफेलाइटिस से पचास हजार मौतें हुई थीं।

आने वाला समय रिसर्च का


मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों और चिकित्सा शिक्षा के विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि आने वाला समय रिया8एंड डेवलपमेंट का है। जितना अधिक मरीज देखेंगे, उसकी सामाजिक, भौगोलिक परिस्थितियों को जानेंगे, उतना अच्छा रिसर्च कर सकेंगे। उन्होंने नए डॉक्टरों से कहा कि नए सिरे से कार्य करने की जरूरत होगी क्योंकि जीवन संग्राम अब शुरू हो रहा है। कहा कि चुनौतियों के अनुरूप खुद को तैयार करना होगा और इसके लिए विस्तृत क्षेत्र में दुनिया आपके सामने है। 

आदिकाल से प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र है गोरखपुर


गोरक्ष धरा पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु का अभिनंदन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरखपुर भारत की सनातन परंपरा में आदिकाल से एक प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विख्यात रहा है। शिवावतार महायोगी गुरु गोरखनाथ ने सैकड़ों वर्ष पूर्व जिस धरा को अपनी साधना से आलोकित किया उसे आज सभी लोग गोरखपुर के नाम से जानते हैं। गोरखपुर की आध्यात्मिक ऊर्जा प्राचीनकाल से देश और दुनिया में प्रकाश बिखेरती रही है।

President Draupadi Murmu attended the first convocation of AIIMS Gorakhpur

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल – फोटो : अमर उजाला

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने नए चिकित्सकों का आह्वान किया 


राज्यपाल आनंदी बेनपटेल ने नए चिकित्सकों का आह्वान किया है कि वे उन किसानों, गरीबों को कभी न भूलें जिन्होंने बड़ी संस्थाओं को बनवाने में अपनी जमीन देकर त्याग किया है। संस्थाओं को बनाने में किसका पसीना गिरा है यह जरूर देखना। गरीब, किसान, महिला जब भी इलाज के लिए आपके दरवाजे पर आए तो हाथ पकड़कर उसकी सेवा करना। 

अवार्डी बेटियों की संख्या से उन्हें खुशी है


राज्यपाल ने कहा कि आज दीक्षांत समारोह में शामिल अवार्डी बेटियों की संख्या से उन्हें खुशी है। 21वीं सदी महिलाओं की सदी है। कहा कि जहां भी जाती हूं, 100 में 80 बेटियां लाइन में दिखती हैं। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि महिलाओं की शक्ति के बिना देश विकास नहीं कर पाएगा। उन्होंने पदक विजेताओं को बधाई दी और न पाने वालों को सीख देते हुए कहा कि उन्हें दूसरों के लिए अपनी खुशहाली व्यक्त करनी चाहिए। 

स्वस्थ भारत ही बनेगा विकसित भारत की नींव : अनुप्रिया पटेल


एम्स गोरखपुर के प्रथम दीक्षांत समारोह में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि पूर्वांचल की जनता को उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवा देने के लिए एम्स गोरखपुर की स्थापना की गई है। यह अपने लक्ष्यों की तरफ तेजी से आगे बढ़ा है। कहा कि मोदी सरकार ने देश में एम्स की संख्या को 7 से बढ़ाकर 23 कर दिया है।

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