गोल ही क्यों होते हैं कुएं, चौकोर या तिकोने क्यों नहीं? सिर्फ सुंदरता नहीं, इसके पीछे है वैज्ञानिक वजह …

आपने कुएं बहुत से देखे होंगे लेकिन इनमें जो एक बात हर जगह कॉमन रही, वो ये है कि कुएं ज्यादातर गोल ही होते हैं। क्या ये सिर्फ सुंदर दिखने के उद्देश्य से होता है या फिर इसके पीछे कोई वजह होती है। चलिए आज इसी के बारे में जानते हैं।

हमारे आसपास ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो आपने देखी तो कई बार होगी, लेकिन उसके बारे में कभी कोई सोचता नहीं है। अगर सवाल आए भी, तो शायद ही कोई जानने की कोशिश करता है कि आखिर ऐसा क्यों है। हालांकि ऐसे तमाम सवाल और वजहें सीधे विज्ञान से जुड़ी हैं, जिन्हें हम परंपरा या फिर एक आदत मानकर छोड़ देते हैं। आपने कुएं बहुत से देखे होंगे लेकिन इनमें जो एक बात हर जगह कॉमन रही, वो ये है कि कुएं ज्यादातर गोल ही होते हैं. क्या ये सिर्फ सुंदर दिखने के उद्देश्य से होता है या फिर इसके पीछे कोई वजह होती है. आज हम आपको इसी सवाल का जवाब देंगे, जो इंटरनेट पर लोग जानने की कोशिश करते हैं.

आपने कुएं बहुत से देखे होंगे लेकिन इनमें जो एक बात हर जगह कॉमन रही, वो ये है कि कुएं ज्यादातर गोल ही होते हैं. क्या ये सिर्फ सुंदर दिखने के उद्देश्य से होता है या फिर इसके पीछे कोई वजह होती है. आज हम आपको इसी सवाल का जवाब देंगे, जो  आज भी बहुत से गांव कुएं पर निर्भर है लेकिन बहुत से गांवों में विकास हो चुका है और नल, बोरिंग, और ट्यूबलेव ने कुएं की जगह ले ली है. गोल कुएं को देखने के बाद भी क्या कभी आपने ये सोचा है कि कुएं को हमेशा गोल ही क्यों बनाया जाता है. आखिर कुआं चौकोर या त्रिकोण क्यों नहीं होता, ये बहुत ही दिलचस्प सवाल है और उतना ही दिलचस्प इसका जवाब भी है.

आज भी बहुत से गांव कुएं पर निर्भर है लेकिन बहुत से गांवों में विकास हो चुका है और नल, बोरिंग, और ट्यूबलेव ने कुएं की जगह ले ली है। गोल कुएं को देखने के बाद भी क्या कभी आपने ये सोचा है कि कुएं को हमेशा गोल ही क्यों बनाया जाता है।आखिर कुआं चौकोर या त्रिकोण क्यों नहीं होता, ये बहुत ही दिलचस्प सवाल है और उतना ही दिलचस्प इसका जवाब भी है। चाहें तो तिकोना, चौकोना या षटकोण कुआं बनाया जा सकता है, लेकिन ऐसे कुएं की उम्र ज्यादा नहीं होगी. उसके पीछे वजह ये है कि जितने ज्यादा कोने होंगे पानी का दबाव उनके कोनों पर उतना ही ज्यादा पड़ेगा. ऐसे में कुएं की दीवारों पर दबाव की वजह से दरारें पड़नी शुरू हो जाती हैं और वे समय से पहले ही धंसने लगते हैं.

चाहें तो तिकोना, चौकोना या षटकोण कुआं बनाया जा सकता है, लेकिन ऐसे कुएं की उम्र ज्यादा नहीं होगी। उसके पीछे वजह ये है कि जितने ज्यादा कोने होंगे पानी का दबाव उनके कोनों पर उतना ही ज्यादा पड़ेगा। ऐसे में कुएं की दीवारों पर दबाव की वजह से दरारें पड़नी शुरू हो जाती हैं और वे समय से पहले ही धंसने लगते हैं। जबकि गोलाकार कुएं के साथ फायदा ये होता है कि हर तरफ दीवार बराबर होने की वजह से ऐसे कुओं में पानी का प्रेशर सब तरफ की दीवारों पर समान होता है. किसी पर फोर्स कम या ज्यादा नहीं होता और ये कुएं कई दशकों तक वैसे के वैसे बने रहते हैं. हालांकि आजकल कुओं की संख्या बेहद कम है, सिर्फ पुराने ही कुएं दिखाई देते हैं.

जबकि गोलाकार कुएं के साथ फायदा ये होता है कि हर तरफ दीवार बराबर होने की वजह से ऐसे कुओं में पानी का प्रेशर सब तरफ की दीवारों पर समान होता है। किसी पर फोर्स कम या ज्यादा नहीं होता और ये कुएं कई दशकों तक वैसे के वैसे बने रहते हैं। हालांकि आजकल कुओं की संख्या बेहद कम है, सिर्फ पुराने ही कुएं दिखाई देते हैं।

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