
एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में दो अच्छे दोस्त रहते थे – रामू और श्यामू। दोनों का बचपन एक साथ बीता और वे हमेशा एक-दूसरे के साथ मिलते और मजे करते रहे। रामू बहुत बुद्धिमान और मेहनती था, जबकि श्यामू धीमी गति से और परिश्रमी था।एक दिन गांव में एक बड़ा मेला लगा। दोनों दोस्त मिलकर वहां जाने का निर्णय लेते हैं। मेले में कुछ न कुछ नया देखने और सीखने के लिए उत्सुकता से दोनों चलते हैं। मेले में रामू ने देखा कि वहाँ एक ज्ञान पुस्तक का स्टॉल लगा हुआ है। रामू ने तुरंत वहां किताब लिखी और श्यामू से कहा, “देखो, इस किताब में बहुत कुछ नया सीखने को मिलेगा। हम इसे पढ़ सकते हैं।”लेकिन श्यामू ने मजाक उड़ाते हुए कहा, “तुम हमेशा चोरी में ही लगे रहो। क्या यह किताब गेय पेट डेवेलपमेंट के काम आएगी? चलो, कुछ और मजेदार करते हैं।”रामू ने इसे ऑनलाइन कर दिया और किताब पढ़ने में लग गई। कुछ समय बाद श्यामू ने देखा कि रामू बड़ी मेहनत से किताब पढ़ रहा था और उसकी सोच में बदलाव आ रहा था। श्यामू ने रामू से पूछा, “तुम सच में इस किताब में क्या हासिल कर रहे हो?”रामू ने कहा, “यह किताब हमें जीवन के बारे में बहुत कुछ सिखाती है। यह हमें परिश्रम, ईमानदारी और गुणों के महत्व के बारे में बताती है।”कुछ महीने बाद, गाँव में एक बड़ी पार्टी का सम्मेलन हुआ, और रामू ने अपनी नई सीखी हुई जानकारी के आधार पर एक व्यवसाय शुरू किया, जो बहुत सफल हुआ। श्यामू को समझ आ गया कि सिर्फ मनोरंजन करने से कुछ नहीं होता, बल्कि ज्ञान और मेहनत से जीवन में सफलता मिलती है।सीखे: जीवन में सफलता पाने के लिए शिक्षा और मेहनत की मात्रा को बढ़ाना चाहिए।