
मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या के दोषी नाथूराम गोडसे और नारायण दत्तात्रेय आप्टे को 75 वर्ष पहले आज के दिन ही फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया गया था। सवाल है कि उन्होंने गांधी को क्यों मारा? क्योंकि उन्हें लगता था कि अहिंसा और हिन्दू-मुस्लिम एकता के गांधी जी के सिद्धांत भारत के लिए, खासकर हिन्दू समाज के लिए, हानिकारक हैं। देश के बंटवारे के बाद फैली हिंसा के माहौल में गोडसे को लगता था कि मुसलमानों के प्रति गांधी जी की उदारता देशद्रोह है। जैसा कि इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा है, गोडसे को लगता था कि पाकिस्तान के वित्तीय अधिकारों के लिए गांधी जी का समर्थन और मुसलमानों के साथ उनके शांति प्रयास हिन्दू हितों को खतरे में डाल रहे हैं।