सदी की सबसे बड़ी खोज का दावा: रूस ने बनाई पहली कैंसर वैक्सीन, अगले साल से फ्री में लगाई जाएगी
आखिर कैंसर से हारने का वक्त आ ही गया। रूस ने दुनिया की पहली ऐसी वैक्सीन तैयार कर ली है, जो एडवांस्ड स्टेज के कैंसर को रोकने में सक्षम है। रूस की यह वैक्सीन पर्सनलाइज्ड होगी, यानी हर मरीज के कैंसर की प्रकृति के अनुसार इसे बनाया जाएगा। अगले साल से यह रूस में मुफ्त लगाई जाएगी।
कैसे काम करेगी यह वैक्सीन?
यह वैक्सीन mRNA (मैसेंजर आरएनए) तकनीक पर आधारित है। mRNA वैक्सीन शरीर में ट्यूमर से जुड़े प्रोटीन को पहचानकर प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय करती है। इससे कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोका जा सकेगा।
मेटास्टेसिस पर रोकथाम में कारगर
कैंसर का सबसे खतरनाक पहलू है मेटास्टेसिस (कैंसर का फैलना)। यह वैक्सीन मेटास्टेसिस को रोकने में सक्षम है। 2022 में किए गए क्लिनिकल ट्रायल में पाया गया कि यह वैक्सीन मेटास्टेसिस को 97% तक रोक सकती है।
फ्री वैक्सीन लगाने का फैसला
रूस की सरकार ने घोषणा की है कि अगले साल से यह वैक्सीन रूस के सभी मरीजों को मुफ्त लगाई जाएगी। इसका उद्देश्य कैंसर से होने वाली मौतों को कम करना है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
डॉ. राम उपाध्याय, मोहंस्ट्रोल ऑन्कोलॉजिस्ट, मेडिसिन स्कूल, ने बताया:
mRNA वैक्सीन कैसे काम करती है: यह mRNA आधारित तकनीक ट्यूमर एंटीजन का उपयोग करती है, जो कैंसर सेल्स को पहचानकर उन्हें नष्ट करने में मदद करती है।
यह पर्सनलाइज्ड कैसे है: हर मरीज के ट्यूमर का विश्लेषण कर उसके अनुसार वैक्सीन तैयार की जाती है।
साइड इफेक्ट: अब तक इस वैक्सीन के कोई गंभीर साइड इफेक्ट सामने नहीं आए हैं।
जानने योग्य बातें
वैक्सीन की प्रभावशीलता 97% तक है।
यह मुख्य रूप से उन मरीजों के लिए है, जो एडवांस्ड स्टेज के कैंसर से पीड़ित हैं।
रूस में यह वैक्सीन अगले साल से मुफ्त दी जाएगी।
यह कैंसर से होने वाली मौतों को काफी हद तक कम कर सकती है।
कुल मिलाकर, यह वैक्सीन कैंसर के खिलाफ एक बड़ा कदम है और इसे चिकित्सा के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।
[रूस द्वारा विकसित की गई कैंसर वैक्सीन पर विभिन्न समाचार स्रोतों ने विस्तृत रिपोर्टिंग की है। रूसी वैज्ञानिकों ने mRNA तकनीक पर आधारित इस वैक्सीन के विकास का दावा किया है, जो कैंसर ट्यूमर के विकास को रोकने और मेटास्टेसिस (कैंसर के फैलाव) को नियंत्रित करने में सक्षम है। रूस की योजना है कि अगले वर्ष से इस वैक्सीन को मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा।

मुख्य बिंदु:
mRNA तकनीक का उपयोग: यह वैक्सीन मैसेंजर RNA (mRNA) तकनीक पर आधारित है, जो शरीर की कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं से जुड़े प्रोटीन का उत्पादन करने का निर्देश देती है। इससे प्रतिरक्षा प्रणाली सक्रिय होकर कैंसर कोशिकाओं पर हमला करती है।
प्री-क्लीनिकल परीक्षण: गामालेया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग के अनुसार, प्री-क्लीनिकल परीक्षण में यह वैक्सीन ट्यूमर के विकास और मेटास्टेसिस को दबाने में सफल रही है।
व्यक्तिगत वैक्सीन निर्माण: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से, प्रत्येक मरीज के लिए व्यक्तिगत वैक्सीन का निर्माण कम समय में संभव हो सकेगा, जिससे उपचार अधिक प्रभावी होगा।
वैश्विक प्रतिक्रिया: इस वैक्सीन के विकास ने वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है, और विशेषज्ञ इसके प्रभावशीलता और सुरक्षा पर निकटता से नजर रख रहे हैं। यदि यह सफल होती है, तो यह कैंसर उपचार में एक महत्वपूर्ण प्रगति साबित हो सकती है।
हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि अभी तक इस वैक्सीन के मानव परीक्षणों के परिणाम सार्वजनिक नहीं हुए हैं। इसलिए, इसकी व्यापक उपलब्धता और प्रभावशीलता के बारे में निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी।
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए, आप यह वीडियो देख सकते हैं
रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि उन्होंने कैंसर की वैक्सीन बना ली है। साल 2024 की शुरुआत में ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि वे कैंसर की वैक्सीन बनाने के बेहद करीब हैं। यह एक mRNA वैक्सीन है। इसके क्लिनिकल ट्रायल से पता चला है कि वैक्सीन से कैंसर ट्यूमर का इलाज करने में मदद मिल सकती है।