थार के तार जुड़े है दिल्ली मे ।थार की शिक्षा की प्रतिमूर्ति डा.भरत सहारण की महामहिम उपराष्ट्रपति जगदीश जी धनकड़ से उपराष्ट्रपति भवन मे मुलाकात। 50विलेजर संस्था के मुखिया है डा.भरत

थार के मरुस्थल से निकली शिक्षा की ज्योति उपराष्ट्रपति भवन तक पहुँची

राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र, जिसे थार का मरुस्थल कहा जाता है, वहाँ शिक्षा की एक क्रांति जन्म ले चुकी है। इस क्रांति का नेतृत्व कर रहे हैं डॉ. भरत सहारण, जिन्होंने “हर गांव में एक डॉक्टर” के संकल्प के साथ 50 विलेजर जैसे संस्थान की नींव रखी। यह संस्थान ग्रामीण युवाओं को उच्च शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के अवसर प्रदान कर रहा है।

डॉ. भरत सहारण के अथक प्रयासों से प्रारंभ किया गया यह पौधा अब एक वटवृक्ष बनने की ओर अग्रसर है। हाल ही में इस मिशन की गूंज देश की राजधानी दिल्ली तक पहुँची, जब उनकी इस पहल को उपराष्ट्रपति भवन में विशेष मान्यता मिली। यह शिक्षा अभियान न केवल राजस्थान बल्कि पूरे भारत के ग्रामीण युवाओं को प्रेरित कर रहा है।

50 विलेजर: ग्रामीण शिक्षा का नया केंद्र

50 विलेजर संस्था का मुख्य उद्देश्य राजस्थान और अन्य ग्रामीण इलाकों के छात्रों को मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी में मदद करना है। इसकी अनूठी शिक्षण प्रणाली और मार्गदर्शन के कारण कई छात्र सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश पा चुके हैं।

डॉ. भरत सहारण का कहना है कि,
“हमारा लक्ष्य है कि हर गांव से कम से कम एक डॉक्टर निकले, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा सके। शिक्षा ही वह माध्यम है, जिससे हम अपने समाज को प्रगति के पथ पर आगे ले जा सकते हैं।”

दिल्ली में मिली विशेष पहचान

डॉ. सहारण और उनके मिशन की इस सफलता की चर्चा अब राष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। हाल ही में उपराष्ट्रपति भवन, दिल्ली में उनकी इस पहल को सम्मानित किया गया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि शिक्षा के इस दीपक की रोशनी अब पूरे देश में फैलने लगी है।

यह पहल न केवल ग्रामीण छात्रों को डॉक्टर बनने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, बल्कि यह भी सिद्ध कर रही है कि सही मार्गदर्शन और शिक्षा से कोई भी अपनी तकदीर बदल सकता है। थार की धरती से उपजी यह शिक्षा की ज्योति अब राष्ट्रीय स्तर पर चमक रही है और लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा बन रही है।

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