तूफ़ानों से लड़ता रहूँगा
हवा के झोंकों से ना डरूँगा,
आंधियों में भी जलता रहूँगा।
जो काँटे बिछाए ये दुनिया,
उन राहों पर भी चलता रहूँगा।
सपनों की उड़ान बुलंद होगी,
हर मुश्किल से टकराता रहूँगा।
अगर गिर भी जाऊँ राहों में,
फिर उठकर मुस्कुराता रहूँगा।
हौसलों की लौ जलती रहेगी,
हर दर्द को सहता रहूँगा।
हार नहीं मेरी तक़दीर होगी,
बस जीत का गीत गाता रहूँगा।