इंजीनियर अतुल सुभाष के पिता बोले– सिस्टम से हार गया मेरा बेटा, दहेज कानून का नाजायज फायदा उठा रही कुछ महिलाएं

कल पूरे दिन ट्विटर पर अतुल सुभाष का नाम ट्रेंड करता रहा। बैंगलोर अतुल सुभाष जो महिंद्रा ऑटो में ai इंजीनियर के रूप में काम करते थे ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखकर और 90 मिनिट का डिटेल्ड वीडियो बनाकर कई हफ्तों की तैयारी के बाद सुसाइड कमिट कर लिया।अतुल की शादी जौनपुर निवासी निकिता सिंघानिया से हुई थी जो स्वयं एसेंचर में जॉब करती थी।

शादी में अनबन हुई। पत्नी ने घर छोड़ा। अतुल पर दहेज का केस ठोक दिया। उसके परिवार वालों को भी इसमें लपेट लिया। अतुल बंगलौर में रहते थे जबकि केस जौनपुर चल रहा था। अतुल अपने सुसाइड नोट में लिखते हैं कि पिछले 24 महीने में उन्हें 120 बार मुकदमे की तारीखों पर उपस्थित होने के लिए जौनपुर जाना पड़ा। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से पेश होने की अर्जी लगाई गई। जो पेंडिंग ही रही। कोर्ट के आदेश से 40 हजार रुपए महीना वे अपनी उस पत्नी को देते थे जो स्वयं एक mnc में जॉब कर रही थी और ये उस 4 साल के बच्चे की परवरिश के लिए था जिसकी शक्ल पिछले तीन साल से अतुल ने देखी भी नहीं थी। उसकी पत्नी द्वारा इस धनराशि को बढ़ाकर 1 लाख रुपए करने की अर्जी कोर्ट में डाली हुई थी। साथ ही तीन करोड़ रुपए की राशि केस को निबटाने के लिए ऑफिशियल मांगी गई थी।

अतुल कोर्ट की एक बहस का जिक्र करते हुए लिखते हैं कि कोर्ट में उन्होंने जज साहिबा से कहा कि NCRB के डेटा के अनुसार फर्जी दहेज मुकदमों की वजह से हर वर्ष कई आदमी आत्महत्या कर लेते हैं, तो उनकी पत्नी ने कहा कि “तुम भी क्यों नहीं कर लेते” इस पर जज साहिबा हंसी और उनकी पत्नी को बाहर जाने को बोल दिया।

अतुल आगे लिखते हैं कि अपने ही शत्रुओं को खुद से हर महीने पैसे देना ये जानते हुए भी कि वह पैसा वो मेरे ही खिलाफ कानूनी लड़ाई को फ्यूल करने में use करेंगे। मुझसे अब और नहीं हो सकता और वे तैयारी करते हैं ‘मरने की, वे एक प्रॉपर चेक लिस्ट बनाते हैं, कौन कौन से डॉक्यूमेंट साइन करने हैं, 101 बार नमः शिवाय का जप करना है, स्नान करना है, खिड़कियां खोल देनी हैं, दरवाजा बंद कर लेना है, राष्ट्रपति को चिट्ठी भेजनी है, इन इन लोग को मेल करना है, अलग अलग फोल्डर बनाकर गूगल ड्राइव पर सब कुछ अपलोड करना है, उसका लिंक शेयर करना है, वीडियो बनाना है और अपलोड करना है, एक कविता लिखते हैं और फिर चेकलिस्ट का काम पूरा होने लगता है, फिर सब खत्म‘ मुझे नहीं लगता कि इससे ज्यादा प्रिपरेशन के साथ किसी ने आज तक आत्महत्या की होगी।

दहेज कानून ने जजों, वकीलों और पुलिस का एक ऐसा भ्रष्ट गठजोड़ तैयार कर दिया है जिसके चंगुल में आते ही पुरुष पूरी तरह टूट जाता है।

अपने ऊपर दायर हुए 9 फर्जी मुकदमों से लड़ते हुए अतुल सुभाष चले गए। कुछ दिन ज़िक्र होगा, फिर शांति हो जाएगी, फिर दहेज कानून से जूझता हुआ कोई पुरुष फंदे पर लटक जाएगा। तब शायद कोई जिक्र भी न होगा। दहेज कानून इतना विसंगतियों से भरा हुआ है कि एक महिला को सिर्फ वकील के पास जाने भर की ही देर है, पुरुष और उसके पूरी परिवार का जीवन बर्बाद होना तय है।

इसी बीच सामने आया है कि लंबे सुसाइ़ड नोट में खुद पर लगे एलिगेशन पर चर्चा करते हुए अतुल ने लिखा- “मुझपर लगा ये आरोप काफी हास्यप्रद है कि मैंने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और उसके परिवार से 10 लाख रुपये का दहेज मांगा था। मेरी पत्नी का दावा है कि जब उसने घर छोड़ा था तब मेरी इनकम 40 लाख सालाना थी और बाद में उसने कहा कि मैं साल के 80 लाख कमाता हूं। क्या 40 या 80 लाख कमाने वाला 10 लाख रुपये की मांग करेगा और अपने बीवी बच्चों को छोड़ देगा?”

अतुल सुभाष ने सुसाइड से पहले बनाए करीब डेढ़ घंटे के वीडियो में अपनी पत्नी और ससुराल वालों को इसका जिम्मेदार बताया है। इस मामले की जांच करने के लिए बेंगलुरु पुलिस की एक टीम जौनपुर पहुंच गई है। जैसे ही अतुल सुभाष के ससुराल वालों को इसकी जानकारी हुई वे देर रात में घर में ताला लगाकर वहां से निकल गए।

यह दुखद घटना मानसिक स्वास्थ्य और समर्थन की आवश्यकता की ओर इशारा करती है। यदि आप या आपका कोई परिचित तनाव से जूझ रहा हो, तो उसे मानसिक तनाव से मुक्त होने में मदद करें। उसकी देखरेख करें। सहायता करे, उसे मानसिक रूप से मजबूत बनाए। भारत में हेल्पलाइन नंबर 1800-599-0019 पर सहायता प्राप्त की जा सकती है। ताकि ऐसी घटनाओं को कम किया जा सके, रोका जा सके l

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