
अभी जारी रहेंगे चर्चे सृजना के नाम के
मुद्दतों बाद किसी स्त्री ने प्रेम निभाया है। ❤️🌻
यह प्रेम कहानी नेपाल के विवेक पंगेनी और उनकी पत्नी श्रीजना सुबेदी के बारे में है। विवेक पंगेनी एक नेपाली गायक थे, जिन्होंने अपनी पत्नी श्रीजना सुबेदी के साथ एक अद्वितीय और शाश्वत प्रेम कहानी को जिया।
विवेक पंगेनी की कैंसर से मृत्यु हो गई थी, लेकिन उनकी पत्नी श्रीजना सुबेदी ने उनकी याद में एक अद्वितीय तरीके से उन्हें याद रखा है। वह उनकी याद में गीत गाती हैं, उनकी तस्वीरों को साझा करती हैं, और उनके साथ बिताए गए पलों को याद करती हैं।
यह प्रेम कहानी इसलिए भी अद्वितीय है क्योंकि यह दिखाती है कि प्रेम की कोई सीमा नहीं होती है, और यह कि प्रेमी जोड़े एक दूसरे के साथ हमेशा जुड़े रहते हैं, भले ही वे शारीरिक रूप से एक दूसरे के साथ न हों।
अगर पत्नी श्रीजना जैसी होगी
तो तुम अतुल सुभाष नही बनोगे…❤️🩹🕊️
प्रेम की छुअन प्रेमियों को अमर कर देती है।
अधर और नितंब चूमने वाले दौर में यदि कोई पाँव की उँगलियाँ चूमे तो भला उस प्रेम की गहराई का पता दुनिया का कौन सा यंत्र लगा सकता है?
इस प्रेम की यही तो जीत है कि मात्र एक स्पर्श को देखकर आप प्रेमियों का पता लगा सकते हो,
प्रेम तब तक इस दुनिया में अपनी जड़ें मज़बूती से जमाये रहेगा जब तक किसी विवेक के हिस्से कोई श्रीजना आती रहेगी,
इस एक पवित्र स्पर्श और निःस्वार्थ छुअन को एक तस्वीर में देखकर यदि आप पहचान सकते तो यह प्रेम अमर हो चुका है। ❤️🌻
सब कह रहे है कि अब ये कहानी खत्म हो गई है
नहीं ये कहानी न खत्म हुई है और न ही ये कहानी अधूरी है
इस कहानी का एक पात्र (हिस्सा) चला गया है लेकिन प्रेम की कहानी निभाने के लिये कोई भी एक रहेगा तब भी चलती रहेगी
ये महिला अपनी हर एक सांस के साथ अपना प्रेम लिख रही है ज़िन्दगी की किताब में।
बदनसीब तो वो लोग हैं जो वक़्त को लड़ने और झगड़कर दूर रहने में बिता देते हैं। अगर आपके पास एक भी लम्हा है किसी के साथ होने का.. किसी को महसूस करने का, किसी से प्रेम करने का तो कीजिये।
मेरा मानना है कि ज़िन्दगी अनमोल है और समय सबसे ज़्यादा बलवान किसी के बुरे समय में उसका साथ निभाना ही सबसे भारी काम है
इस धरती पर जब भी प्रेम की बात की जाती है उदाहरण के रूप में हीर रांझा, रोमियो जूलियट और सीरी फरहाद की बात ही क्यों हो
आज भी … शाश्वत प्रेम है .. नेपाल के विवेक पंगेनी और श्रीजना सुबेदी पति और पत्नी के बीच में जो प्रेम, समर्पण, निष्ठा, भाव, अहसास, था वहीं शाश्वत प्रेम हैं
कहानी चलती रहेगी… वो याद रखेंगीं तो आप हर दिन ज़िन्दा रहेंगे

एक मजबूत संबंध बनाए रखने के लिए प्रयास, प्रतिबद्धता और दोनों साथियों की समझ की आवश्यकता होती है। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपको एक मजबूत संबंध बनाने और बनाए रखने में मदद करेंगे:
संचारसक्रिय सुनना: अपने साथी पर ध्यान दें, उनकी बातों को ध्यान से सुनें और सोच-समझकर जवाब दें। खुला और ईमानदार संचार: अपने साथी के साथ अपने विचारों, भावनाओं और इच्छाओं को साझा करें, और उनकी प्रतिक्रिया के लिए खुले रहें। धारणाओं से बचें: यह न मानें कि आप जानते हैं कि आपका साथी क्या सोचता है या महसूस करता है; इसके बजाय, उनसे पूछें और किसी भी गलतफहमी को स्पष्ट करें।
विश्वास और सम्मानविश्वास बनाएं: अपने कार्यों और शब्दों में विश्वसनीय, वफादार और पारदर्शी बनें। एक दूसरे की सीमाओं का सम्मान करें: एक दूसरे की जरूरतों, इच्छाओं और सीमाओं को समझें और सम्मान करें। आलोचना और दोष से बचें: समाधान खोजने पर ध्यान केंद्रित करें, न कि दोष लगाने या आलोचना करने पर।
भावनात्मक बुद्धिमत्ताभावनात्मक जागरूकता: अपनी भावनाओं को पहचानें और समझें, साथ ही अपने साथी की भावनाओं को भी। सहानुभूति: अपने साथी की जगह पर खुद को रखें और उनके दृष्टिकोण से चीजों को देखने का प्रयास करें। संघर्ष समाधान: स्वस्थ और रचनात्मक तरीके से संघर्षों का समाधान करना सीखें।
गुणवत्तापूर्ण समय और निकटताएक साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताएं: नियमित रूप से केवल दोनों के लिए समय निर्धारित करें, जो आप दोनों को आनंद देते हैं। निकटता को प्राथमिकता दें: शारीरिक और भावनात्मक निकटता के लिए समय निकालें और इसे अपने संबंध में प्राथमिकता दें। स्नेह और प्रशंसा दिखाएं: छोटे इशारों और सोच-समझकर की गई कार्रवाइयों के माध्यम से एक दूसरे के लिए अपने प्यार और प्रशंसा को नियमित रूप से व्यक्त करें।
व्यक्तिगत विकास और स्वतंत्रताव्यक्तिगतता बनाए रखें: एक दूसरे के व्यक्तिगत विकास, रुचियों और जुनून को प्रोत्साहित और समर्थन करें। साझा लक्ष्यों का पीछा करें: सामान्य लक्ष्यों और सपनों को प्राप्त करने के लिए एक साथ काम करें। ब्रेक लें और स्व-देखभाल का अभ्यास करें: खुद के लिए समय निकालें और जलन से बचने के लिए स्व-देखभाल का अभ्यास करें।
क्षमा और माफी ,क्षमा का अभ्यास करें: द्वेष और कटुता को छोड़ दें और क्षमा करने का प्रयास करें। सच्ची माफी मांगें: जब आप अपने साथी को गलत कर चुके हों, तो सच्ची माफी मांगें और सुधार करने का प्रयास करें। गलतियों से सीखें: गलतियों को सीखने के अवसर के रूप में उपयोग करें और भविष्य में उनसे बचने के लिए काम करें।
रिश्ते में सुधार के लिए याद रखने योग्य बातेंधैर्य रखें: रिश्तों में सुधार करने में समय लगता है, इसलिए धैर्य रखें और प्रयास करते रहें। लचीलापन रखें: रिश्तों में बदलाव आते रहते हैं, इसलिए लचीलापन रखें और नई परिस्थितियों के अनुसार समायोजित करें। एक दूसरे की सराहना करें: अपने साथी की अच्छाइयों की सराहना करें और उन्हें प्रोत्साहित करें। मजाक और हास्य को बनाए रखें: रिश्तों में मजाक और हास्य को बनाए रखने से तनाव कम होता है और संबंध मजबूत होता है।
इन सुझावों को अपनाकर, आप अपने रिश्ते को मजबूत बना सकते हैं और एक सुखी और संतुष्ट जीवन जीने के लिए काम कर सकते हैं।
सती

हर लड़की ‘निकिता सिंघानिया’ नहीं होती।
इस छली, विश्वासघाती संसार में सृजना जैसी लड़कियां भी होती हैं जो प्रेम, विश्वास और बलिदान की परिभाषाएं गढ़ती हैं।
‘सृजना’ सावित्री की तरह अपने पति को कैंसर रुपी यम के हाथों से वापस तो नहीं ला पाईं लेकिन चीटिंग, लालच और अविश्वास के वर्तमान अन्धकार में उन्होंने प्रेम का ऐसा दीपक जरूर प्रज्वलित किया है जिसके प्रकाश में लड़के और लड़कियां शायद प्रेम का अर्थ सीख सकें।
हम हिंदू पुनर्जन्मवादी होते हैं और इस नाते मेरा विश्वास है कि भले ही विवेक असमय चले गये लेकिन अंतिम क्षणों तक वह सृजना का निःस्वार्थ प्रेमभाव लेकर गये हैं वह जन्म-जन्मान्तरों की यात्रा में उनका पाथेय बनेगा।
दुःख भरा प्रश्न है तो इस बात का कि सृजना जैसे प्रेम भरे हृदयों को ही ऐसे विछोह क्यों सहने होते हैं?