First Class Admission: हरियाणा सरकार ने राज्य के सरकारी और निजी स्कूलों में पहली कक्षा के लिए दाखिले की न्यूनतम आयु सीमा को छह वर्ष कर दिया है. यह निर्णय विद्यालय शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी नई शिक्षा नीति के तहत लिया गया है. इसके अनुसार जो बच्चे आने वाली 1 अप्रैल को छह वर्ष की आयु पूरी नहीं कर पाएंगे, उन्हें छह माह की छूट दी गई है ताकि वे 30 सितंबर तक इस आयु सीमा को पूरा कर सकें.
शिक्षा निदेशालय के निर्देश और उनके महत्व
शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी स्कूलों को इस नई आयु सीमा का पालन करना होगा। सिद्धांत को आदेश दिया गया है कि वे आगामी सत्र से इस नीति को लागू करें। इससे पहले वर्ष 2023-24 के पहेली में न्यूनतम आयु पांच वर्ष छह माह थी, लेकिन अब यह छह वर्ष हो गई है।
आने वाले अकादमी सत्र की तैयारियाँ और छूट
नई नीति के तहत, बच्चों को पहले से ही पूर्व प्राथमिक कक्षा में प्रवेश दिया जाता है और जिसमें पहली अप्रैल को पहली कक्षा में स्तरोन्नत किया जाता है, उन्हें भी यह छूट मिलती है। यह नियम यह सुनिश्चित करता है कि आयु सीमा की निर्धारित अवधि पूरी तरह से होने पर भी बच्चे का एक पूरा वर्ष टूट न जाए।
हरियाणा की नईस्टार्ट नीति का असर
नई स्टार्टअप नीति के तहत जिन बच्चों की उम्र 1 अप्रैल से छह साल तक होगी वे नए सत्र में पहली कक्षा में दाखिला के पात्र होंगे। यह बच्चों के लिए शैक्षणिक विकास और सांस्कृतिक शिक्षा के संरेखण को विकसित करने के लिए किया गया है। इससे बच्चे की शिक्षा में एकरूपता और निरंतरता बनी रहती है, जिससे उनके और सामाजिक विकास में सहायता मिलती है।