संत सोमनाथ महाराज 4 धाम की पैदल यात्रा के करीब 8माह बाद आज चौहटन पहुचेसंत सोमनाथ जसनाथ सम्प्रदाय के लिखमादेसर वाड़ी के संत है देश मे शांति और समृद्धि के लिए और सनातन धर्म की रक्षा के लिए 4धामो की यात्रा पर निकले है महाराज

संत सोमनाथ महाराज 4 धाम की पदयात्रा पर, 8 माह बाद पहुंचे चौहटन

चौहटन, बाड़मेर: जसनाथ संप्रदाय के प्रतिष्ठित संत, श्री सोमनाथ महाराज, अपनी 4 धाम की पैदल यात्रा के अंतर्गत करीब 8 माह की कठिन साधना के बाद आज चौहटन पहुंचे। देश में शांति, समृद्धि और सनातन धर्म की रक्षा के संकल्प के साथ निकले संत सोमनाथ महाराज का चौहटन पहुंचने पर भक्तों और श्रद्धालुओं ने भव्य स्वागत किया।

सनातन धर्म की रक्षा का संकल्प

संत सोमनाथ महाराज राजस्थान के लिखमादेसर वाड़ी से जुड़े हुए हैं और जसनाथ संप्रदाय के महान संतों में से एक हैं। उन्होंने देश के चारों प्रमुख धाम— बद्रीनाथ, द्वारका, पुरी और रामेश्वरम— की पदयात्रा करने का संकल्प लिया है। इस यात्रा का उद्देश्य न केवल व्यक्तिगत साधना है, बल्कि समूचे राष्ट्र की शांति और समृद्धि के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा उत्पन्न करना भी है।

यात्रा की विशेषताएं और उद्देश्य

संत सोमनाथ महाराज की यह यात्रा अद्वितीय है, क्योंकि वे बिना किसी आधुनिक साधन का उपयोग किए पैदल ही चारों धामों की परिक्रमा कर रहे हैं। इस यात्रा के दौरान वे विभिन्न स्थानों पर ठहरकर धार्मिक प्रवचन, भजन-कीर्तन, और जनसंपर्क के माध्यम से लोगों को धर्म, आध्यात्म और सेवा के प्रति प्रेरित कर रहे हैं।

यात्रा के दौरान महाराज ने विभिन्न स्थानों पर सनातन धर्म की रक्षा और वैदिक परंपराओं के पालन पर विशेष जोर दिया। उनका मानना है कि वर्तमान समय में आध्यात्मिक जागरूकता और धार्मिक एकता अत्यंत आवश्यक है। वे अपनी यात्रा के माध्यम से समाज को एकजुट करने और धर्म के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने का कार्य कर रहे हैं।

चौहटन में हुआ भव्य स्वागत

चौहटन पहुंचने पर संत सोमनाथ महाराज का श्रद्धालुओं द्वारा पुष्पवर्षा, मंगल आरती, भजन-कीर्तन और विशाल शोभायात्रा के साथ स्वागत किया गया। बड़ी संख्या में भक्तगण उनकी एक झलक पाने के लिए एकत्रित हुए और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर स्थानीय धार्मिक संगठनों और भक्तों ने भी सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के संकल्प को दोहराया।

यात्रा का अगला पड़ाव

संत सोमनाथ महाराज चौहटन में कुछ समय व्यतीत करने के बाद आगे की यात्रा पर निकलेंगे। वे अगली यात्रा में सनातन धर्म से जुड़े प्रमुख स्थलों पर रुककर प्रवचन देंगे और भक्तों से संवाद करेंगे।

उनकी इस ऐतिहासिक पदयात्रा से पूरे देश में धार्मिक चेतना जाग्रत हो रही है, और लोग आध्यात्मिक मार्ग की ओर अग्रसर हो रहे हैं। उनकी यात्रा न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। रिपोर्ट: चौहटन, बाड़मेर

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