सेड़वा |बाड़मेर जिले के सेड़वा उपखंड अधिकारी (एसडीएम) बद्रीनारायण बिश्नोई द्वारा डॉक्टर रामस्वरूप रावत के साथ किए गए दुर्व्यवहार की घटना ने चिकित्सा समुदाय और समाज में गहरा आक्रोश उत्पन्न किया है। प्रशासनिक पद पर आसीन अधिकारी द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं में समर्पित डॉक्टरों का सम्मान न करना, उन्हें धमकाना और अपमानित करना गंभीर चिंता का विषय है। चिकित्सकों का महत्व और सम्मान डॉक्टर समाज के लिए जीवनरक्षक होते हैं, जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं। ऐसे में, यदि कोई अधिकारी सत्ता के अहंकार में डॉक्टरों का अपमान करता है, तो यह केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे चिकित्सा समुदाय और स्वास्थ्य व्यवस्था का अपमान है। यह पहली बार नहीं है जब एसडीएम बद्रीनारायण बिश्नोई के आचरण पर सवाल उठे हैं। पूर्व में भी, दीपावली पर पटाखों की दुकानों की लॉटरी निकालते समय उनकी हरकतों का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे अत्यधिक उत्साह में महिला अधिकारी के साथ हंसी-ठिठोली करते नजर आए थे।
सरकार से कार्रवाई की मांग इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि एसडीएम बद्रीनारायण बिश्नोई प्रशासनिक मर्यादाओं का उल्लंघन कर रहे हैं। सरकार से आग्रह है कि इस मामले में त्वरित संज्ञान लेते हुए दोषी अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी प्रशासनिक अधिकारी जनता की सेवा में लगे डॉक्टरों के साथ ऐसा व्यवहार करने से पहले सौ बार सोचे। समाज की प्रतिक्रिया इस घटना के बाद, चिकित्सा समुदाय और समाज के विभिन्न वर्गों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। सोशल मीडिया पर भी लोग एसडीएम के इस व्यवहार की कड़ी निंदा कर रहे हैं और सरकार से उचित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अधिकारियों का दायित्व है कि वे अपने पद की गरिमा को बनाए रखें और समाज के प्रत्येक वर्ग के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करें। ऐसे में, इस प्रकार की घटनाएं न केवल प्रशासनिक प्रणाली पर सवाल खड़े करती हैं, बल्कि समाज में गलत संदेश भी भेजती हैं। अतः, आवश्यक है कि सरकार इस मामले में सख्त कदम उठाए और दोषी अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करे।