जैसलमेर के देगराय ओरण क्षेत्र में प्रवासी कुरजां पक्षियों (डेमोइसेल क्रेन) की मौत का कारण बर्ड फ्लू पाया गया है। भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (निषाद) की जांच रिपोर्ट में यह पुष्टि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार इन पक्षियों की मौत एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) से हुई है। घटना के बाद जिला प्रशासन और संबंधित विभाग सतर्क हो गए हैं तथा क्षेत्र में विशेष निगरानी शुरू कर दी गई है।
हॉटस्पॉट एरिया घोषित, प्रवेश पर रोक
देगराय ओरण क्षेत्र के लुणेरी तालाब इलाके को प्रशासन ने इंफेक्टेड हॉटस्पॉट एरिया घोषित कर दिया है। जैसलमेर के पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. उमेश व्रगतिवार ने बताया कि आम लोगों और पशुओं के इस क्षेत्र में जाने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। यह कदम संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उठाया गया है।
संयुक्त टीम का गठन और निगरानी
संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने पशुपालन विभाग, वन विभाग और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की एक संयुक्त टीम बनाई है। इस टीम ने त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT) का गठन किया है, जो हॉटस्पॉट एरिया में गश्त और निगरानी का कार्य कर रही है। इसके साथ ही तालाब क्षेत्र में केमिकल का छिड़काव कर संक्रमण को फैलने से रोकने की तैयारी है। प्रवासी पक्षियों के झुंडों पर लगातार नजर रखी जा रही है ताकि किसी भी तरह के नए संक्रमण की सूचना समय पर मिल सके।
घटना की पृष्ठभूमि
11 जनवरी को देगराय ओरण के तालाब क्षेत्र में 6 कुरजां पक्षियों के शव मिले थे। इसके बाद 12 जनवरी को 2 और कुरजां पक्षी मृत पाए गए। इन सभी मृत पक्षियों के नमूने जांच के लिए भोपाल की निषाद लैब भेजे गए थे। बुधवार को आई जांच रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि इन पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू के कारण हुई है।

आम जनता के लिए अलर्ट
प्रशासन ने आम जनता से सतर्क रहने की अपील की है। विशेषज्ञों के अनुसार, बर्ड फ्लू पक्षियों से इंसानों में भी फैल सकता है, हालांकि इसका खतरा कम होता है। जिला प्रशासन ने लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए सतर्क रहने, हॉटस्पॉट एरिया से दूर रहने और किसी भी मृत पक्षी की सूचना तत्काल अधिकारियों को देने की सलाह दी है।
समन्वित प्रयास जारी
प्रशासन ने इस संकट से निपटने के लिए चिकित्सा, वेटरनरी और वन विभाग के बीच समन्वय स्थापित किया है। प्रभावित क्षेत्र में निरंतर निगरानी रखी जा रही है और संक्रमण को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। जिला कलेक्टर प्रताप सिंह ने संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।
संक्रमण रोकने के लिए सावधानियां
प्रशासन ने आम जनता को बर्ड फ्लू से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियों को अपनाने की सलाह दी है:
मृत पक्षियों को न छुएं और तुरंत स्थानीय प्रशासन को सूचित करें।
हॉटस्पॉट एरिया के पास जाने से बचें।
संक्रमित क्षेत्र में पाले गए पशुओं को बाहर न जाने दें।
पक्षियों के संपर्क में आने के बाद हाथों को अच्छी तरह धोएं।
मांस और अंडों को अच्छी तरह पकाकर खाएं।
बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ा
बर्ड फ्लू का संक्रमण प्रवासी पक्षियों के कारण बढ़ने की आशंका है। जैसलमेर जैसे इलाकों में हर साल बड़ी संख्या में कुरजां पक्षी सर्दियों में प्रवास के लिए आते हैं। इन पक्षियों का झुंड तालाबों और झीलों के पास रहता है, जिससे स्थानीय पक्षियों और पर्यावरण पर भी संक्रमण का खतरा रहता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बर्ड फ्लू से इंसानों के संक्रमित होने की संभावना कम होती है, लेकिन सतर्कता और सावधानी बरतना आवश्यक है।
निगरानी और जागरूकता अभियान
प्रशासन ने बताया कि निगरानी दल द्वारा लगातार क्षेत्र में गश्त की जा रही है। स्थानीय लोगों को जागरूक करने के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है। संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार के निर्देशानुसार हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
स्थिति पर नियंत्रण के लिए प्रशासन की ओर से त्वरित कार्रवाई की जा रही है। जिला प्रशासन का कहना है कि संक्रमण फैलने से रोकने के लिए पूरी सतर्कता बरती जा रही है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन उन्हें प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है।