
राजस्थान सरकार ने हाल ही में पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू की है, जिसके तहत बालोतरा और बाड़मेर जिलों में पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों की संख्या में बदलाव किया गया है।बालोतरा और बाड़मेर में पंचायत समितियों की संख्या:बालोतरा: यहां अब 9 पंचायत समितियां होंगी।बाड़मेर: यहां 12 पंचायत समितियां स्थापित की जाएंगी।ग्राम पंचायतों का जिला परिवर्तन:इस पुनर्गठन के तहत 14 ग्राम पंचायतों का जिला बदला जाएगा। हालांकि, इन ग्राम पंचायतों के नाम और उनके नए जिलों की विस्तृत जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है।पुनर्गठन की इस प्रक्रिया का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों को सुगम बनाना और स्थानीय विकास को बढ़ावा देना है। इससे पहले, 28 दिसंबर 2024 को हुई कैबिनेट बैठक में पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन के इस बड़े फैसले को मंजूरी दी गई थी। इस पुनर्गठन के बाद, बालोतरा और बाड़मेर जिलों में भाजपा के नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है, जिससे पार्टी में खेमेबाजी बढ़ गई है। पुनर्गठन की इस प्रक्रिया के तहत प्रदेश में ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों की संख्या बढ़ेगी, जिससे अधिक नेताओं को अवसर मिलेंगे और स्थानीय प्रशासनिक ढांचे को मजबूती मिलेगी। इस संदर्भ में, सिणधरी ग्राम पंचायत के निवासियों ने बालोतरा जिले में शामिल होने पर असहमति जताई है।
राजस्थान सरकार का पंचायती राज संस्थाओं का पुनर्गठन, बालोतरा और बाड़मेर जिलों में बदलाव
राजस्थान सरकार ने हाल ही में पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन की प्रक्रिया को शुरू किया है, जिससे राज्य के प्रशासनिक ढांचे को और अधिक सुगम और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इस पुनर्गठन में बालोतरा और बाड़मेर जिलों में पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों की संख्या में बदलाव किए गए हैं, जो स्थानीय प्रशासन और विकास कार्यों में सुधार का संकेत है।
बालोतरा और बाड़मेर जिलों में पंचायत समितियों का पुनर्गठन
इस पुनर्गठन के तहत बालोतरा और बाड़मेर जिलों में पंचायत समितियों की संख्या में वृद्धि की गई है:बालोतरा: अब यहां 9 पंचायत समितियां होंगी, जो पहले से अधिक संख्या में होंगी, जिससे स्थानीय प्रशासनिक ढांचे में सुधार होगा और विकास कार्यों की गति तेज होगी। बाड़मेर: बाड़मेर जिले में 12 पंचायत समितियां स्थापित की जाएंगी, जो इस जिले में पंचायत शासन को और अधिक सशक्त बनाएंगे और क्षेत्रीय विकास में मदद करेंगे।
ग्राम पंचायतों का जिला परिवर्तन
इसके अलावा, इस पुनर्गठन के तहत 14 ग्राम पंचायतों का जिला बदला जाएगा। हालांकि, इन ग्राम पंचायतों के नाम और उनके नए जिलों की विस्तृत जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। इन ग्राम पंचायतों के जिला परिवर्तन से स्थानीय प्रशासन को और अधिक सुदृढ़ बनाने की योजना है, जिससे सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का बेहतर कार्यान्वयन हो सके।
पुनर्गठन का उद्देश्य और स्थानीय विकास
पंचायती राज संस्थाओं के इस पुनर्गठन का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों को सुगम बनाना और स्थानीय विकास को बढ़ावा देना है। पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों की संख्या में वृद्धि से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर क्षेत्र में बेहतर प्रशासनिक सेवाएं प्रदान की जा सकें। साथ ही, यह पुनर्गठन स्थानीय स्तर पर अधिक नेताओं को अवसर प्रदान करेगा, जिससे राजनीतिक प्रतिनिधित्व बढ़ेगा और अधिक कार्यकर्ता स्थानीय स्तर पर सक्रिय हो सकेंगे।
पार्टी में खेमेबाजी और नई नियुक्तियां
पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन के साथ-साथ बालोतरा और बाड़मेर जिलों में भाजपा के नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इससे पार्टी में खेमेबाजी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि जिलाध्यक्ष की नियुक्ति से राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं और विभिन्न गुटों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है। यह स्थिति भाजपा के भीतर सत्ता संघर्ष को बढ़ावा दे सकती है, जिससे आगामी चुनावों में राजनीतिक दलों के बीच प्रतिस्पर्धा और तीव्र हो सकती है।
सिणधरी ग्राम पंचायत के निवासियों की असहमति
पुनर्गठन के इस प्रक्रिया में एक अन्य विवाद भी सामने आया है। सिणधरी ग्राम पंचायत के निवासियों ने बालोतरा जिले में शामिल होने पर असहमति जताई है। इस बदलाव को लेकर क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि उनका ग्राम पंचायत जिस जिले में था, वहां के प्रशासन और सुविधाएं उनके लिए बेहतर थीं। सिणधरी के निवासी इस बदलाव के खिलाफ हैं और उन्होंने सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की है। उनका कहना है कि उनका क्षेत्र अन्य जिलों के मुकाबले बेहतर तरीके से प्रशासनिक सेवाएं प्राप्त करता था, और अब इसके बदलने से उन्हें असुविधा हो सकती है।
कैबिनेट बैठक में मंजूरी
इस पुनर्गठन के फैसले को 28 दिसंबर 2024 को राजस्थान कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई थी। कैबिनेट के इस महत्वपूर्ण निर्णय के बाद राज्य सरकार ने पुनर्गठन प्रक्रिया को लागू करना शुरू किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पंचायत राज मंत्री इस फैसले के बाद इसे राज्य में स्थानीय प्रशासन और सरकारी योजनाओं के संचालन में और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कदम उठा रहे हैं।
प्रदेश में पंचायत संस्थाओं की संख्या में वृद्धि
पुनर्गठन के बाद प्रदेश में ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों की संख्या में वृद्धि की जाएगी, जिससे राज्य में प्रशासनिक कार्यों में और गति आएगी। इससे स्थानीय विकास कार्यों में तेजी आएगी और जनता तक सरकारी योजनाओं का लाभ शीघ्रता से पहुंच सकेगा।