
पुण्य आत्मा को बारंबार प्रणाम!
किसानों एवं पीड़ितों के मसीहा, ढाणी-ढाणी तक शिक्षा की अलख जगाने वाले, पूर्व मंत्री व मेरे दादाजी स्वर्गीय श्री गंगाराम जी चौधरी की 103वीं जयंती के अवसर पर किसान कन्या छात्रावास बलदेव नगर में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इस अवसर पर अनेक लोग एकत्रित हुए और श्रद्धा सुमन अर्पित कर दादाजी के विचारों का स्मरण किया।
स्वर्गीय श्री गंगाराम जी चौधरी ने अपने जीवन में मालाणी क्षेत्र के किसानों के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे। उन्होंने हमेशा किसानों के हक के लिए संघर्ष किया और उनकी समस्याओं का समाधान कराने के लिए प्रयासरत रहे। उनके जीवन का प्रमुख उद्देश्य किसानों की खुशहाली और उनके अधिकारों की रक्षा था।
दादाजी का बालिका शिक्षा के प्रति समर्पण भी अत्यधिक प्रेरणादायक था। उन्होंने हमेशा यह प्रयास किया कि क्षेत्र की बालिकाओं को अच्छी शिक्षा प्राप्त हो और वे जीवन में अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। यही कारण है कि आज भी उनका योगदान उस समय के कठिन हालात में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। उनके दृष्टिकोण और कार्यों ने पूरे क्षेत्र में शिक्षा का स्तर बढ़ाया और महिलाओं को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाई।
इस श्रद्धांजलि सभा में उनके परिवार के सदस्य, क्षेत्र के गणमान्य व्यक्ति, शिक्षकगण और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम में दादाजी के संघर्ष, समर्पण और उनकी शिक्षा नीति को याद करते हुए उनके योगदान को सैल्यूट किया गया। आयोजकों ने इस अवसर पर दादाजी के विचारों और कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और उन्हें अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया।
आज भी उनके द्वारा किए गए कार्यों और उनके विचारों की महत्ता हमें प्रेरणा देती है। उनका जीवन एक आदर्श है जो हमें समाज की सेवा, शिक्षा के प्रचार और किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा देता है। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा और उनका मार्गदर्शन आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्जवल उदाहरण रहेगा।
स्वर्गीय श्री गंगाराम जी चौधरी की 103वीं जयंती पर उनके योगदान को याद करते हुए हम सभी यह संकल्प लें कि हम उनके विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करेंगे और उनके दिखाए मार्ग पर चलकर समाज की सेवा करेंगे।