धोरीमन्ना पंचायत समिति के अंतर्गत बिजली विभाग की भारी लापरवाही ने किसानों को आक्रोशित कर दिया है। विभाग की गलतियों के कारण किसानों को घरेलू बिजली के गलत बिल थमाए जा रहे हैं, जिससे किसान परेशान होकर उपखंड मुख्यालय पर धरना देने पर मजबूर हुए। धरने में किसानों ने बिजली विभाग और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
क्या है मामला?
धोरीमन्ना क्षेत्र के किसानों का आरोप है कि बिजली विभाग ने पिछले एक साल तक उनके बिजली मीटर की सही रीडिंग नहीं की। इसके बजाय विभाग ने औसत (ऐवरेज) बिल के नाम पर मनमानी राशि वसूल की। किसानों ने यह सोचकर भुगतान किया कि बाद में वास्तविक रीडिंग होने पर उनके बिल ठीक हो जाएंगे। हाल ही में बिजली विभाग ने इंस्टेंट बिल जेनरेट करने की सुविधा शुरू की। इसके तहत मीटर की रीडिंग तुरंत ली जाने लगी। इस प्रक्रिया में विभाग ने अपनी पिछली गलतियों का ठीकरा किसानों के सिर पर फोड़ते हुए उन्हें भारी-भरकम बकाया राशि के बिल थमा दिए।
किसानों की नाराजगी और प्रदर्शन गलत बिलों से परेशान किसान एकजुट होकर उपखंड मुख्यालय पहुंचे और धरना प्रदर्शन किया। किसानों ने बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मांग की कि गलत बिल तुरंत ठीक किए जाएं और औसत बिलिंग के नाम पर किसानों से वसूली गई रकम को वापस किया जाए। धरने में शामिल किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि विभाग की यह गलती उनकी आर्थिक स्थिति पर भारी पड़ रही है। कृषि कार्य में बिजली की भूमिका अहम होती है, लेकिन विभाग की मनमानी से किसान मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान हो रहे हैं।
जनप्रतिनिधियों का दखल प्रदर्शन के दौरान कुछ जनप्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों से मुलाकात कर किसानों की समस्या का समाधान निकालने की अपील की। जनप्रतिनिधियों ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गलत बिल तुरंत ठीक किए जाएं और भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही न हो।
बिजली विभाग की सफाई धरने के बाद बिजली विभाग के अधिकारियों ने मामले पर सफाई देते हुए कहा कि औसत बिलिंग की प्रक्रिया विभाग की मजबूरी थी। अब जब इंस्टेंट बिल जेनरेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, तो रीडिंग के आधार पर बिलिंग की जा रही है। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि जिनके बिल गलत हैं, उनकी जांच कर सही किया जाएगा।
न्याय की उम्मीद में किसान प्रदर्शन के बाद किसान इस उम्मीद में हैं कि उनकी शिकायतों का निवारण किया जाएगा। हालांकि, यह घटना बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान जल्दी नहीं हुआ, तो वे उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे। धोरीमन्ना में हुई इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि सरकारी विभागों की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है। अब देखना होगा कि बिजली विभाग इस समस्या का हल कितनी जल्दी निकालता है।