
इसके जरिए सूर्य की स्टडी की जाएगी, अंतरिक्ष मौसम की जानकारी मिलेगी।
प्रोबा 3 की सक्सेसफुली लाॅन्चिंग: एक नए युग की शुरुआत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक बार फिर से इतिहास रच दिया है। प्रोबा 3 नामक अपने नवीनतम उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉन्च करने के बाद, इसरो ने अपनी तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन किया है।प्रोबा 3 को PSLV C54 रॉकेट के माध्यम से श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। यह लॉन्चिंग एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि यह इसरो की तकनीकी क्षमताओं को दर्शाता है और भविष्य में अधिक जटिल मिशनों के लिए मार्ग प्रशस्त करता है। प्रोबा 3 एक प्रायोगिक उपग्रह है, जिसका उद्देश्य नए प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और अनुसंधान करना है। यह उपग्रह इसरो के विकास कार्यक्रम का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को मजबूत करना है। प्रोबा 3 की लॉन्चिंग के साथ, इसरो ने अपनी तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन किया है और भविष्य में अधिक जटिल मिशनों के लिए मार्ग प्रशस्त किया है। यह लॉन्चिंग भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और इसरो की तकनीकी क्षमताओं को दर्शाता है।
इस लॉन्चिंग के बारे में इसरो के अध्यक्ष ने कहा, “प्रोबा 3 की लॉन्चिंग एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और इसरो की तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करती है। यह लॉन्चिंग भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक नए युग की शुरुआत करती है।”
इस लॉन्चिंग के साथ, इसरो ने अपनी तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन किया है और भविष्य में अधिक जटिल मिशनों के लिए मार्ग प्रशस्त किया है। यह लॉन्चिंग भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और इसरो की तकनीकी क्षमताओं को दर्शाता है।